लाठीचार्ज के विरोध में करनाल मिनी सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) पर महापंचायत कर रहे किसानों और हरियाणा प्रशासन (Haryana Administration) के बीच सुलह हो गई है। इस बात की जानकारी किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni), संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) और हरियाणा प्रशासन ने साझा प्रेस वार्ता के जरिए दी है। जानकारी के अनुसार “सर फोड़ देना” बयान देने वाले करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Ayush Sinha) के खिलाफ न्यायिक जांच कराई जाएगी जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है सिन्हा को छुट्टी पर रखा जाएगा।
किसान एकता मोर्चा का बयान
किसान एकता मोर्चा ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि, किसानों और हरियाणा प्रशासन के बीच सुलह हो गई है। किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर लिखा कि, “करनाल मोर्चा में किसानों की जीत हुई,किसानों की एकता के आगे बीजेपी सरकार के घुटने टेक दिये,शहीद सुशील काजल जी के परिवार को नोकरी,और दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा”
पीड़ित परिवारों को नौकरी
एसीएस देवेंद्र सिंह ने प्रेसा वार्ता के जरिए जानकारी दी है कि, 28 अगस्त को करनाल में हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की जाएगी जिसकी निगरानी रिटायार्ड हाईकोर्ट जज करेंगे। जांच प्रक्रिया के दौरान लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। वहीं पीड़ित परिवारों को एक हफ्ते के भीतर नौकरी दी जाएगी। साथ ही जिन लोगों ने लाठीचार्ज में अपने परिवार को खो दिया है उनके घर में दो सदस्यों को नौकरी दी जाएगी।
प्रेस वार्ता में कहा गया है कि, एक हफ्ते के भीतर जांज को पूरा किया जाएगा। बता दें कि सुलह के बाद 7 सितंबर से ही करनाल मिनी सचिवालय पर धरना दे रहे किसानों ने धरना खत्म करने का ऐलान किया है।
28 अगस्त को हुआ था लाठीचार्ज
गौरतलब है कि, किसान 28 अगस्त को करनाल में तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान किसानों पर लाठीचार्ज किया जिसमें किसानों की मौत भी हो गई थी। कई घायल थे। लेकिन असल बवाल तो आयुष सिन्हा का वीडियो वायरल होने पर हुआ।
करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा ने पुलिस को कहा था कि, किसान नहीं माने तो उनका सर फोड़ देना। यह वीडियो सामने आते ही किसान आक्रमक हो गए। इंसाफ की मांग करने लगे हरियाणा प्रशासन के साथ कई दौर की वार्ता भी हुई। सब विफल होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत अपनी टोली के साथ करनाल मिनी सचिवालय पर धरना देने लगे।
टिकैत की चेतावनी
टिकैत ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि, “करनाल मिनी सचिवालय पर हमारा धरना जारी रहेगा। धरना स्थल मिनी सचिवालय ही रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक किसान का संघर्ष जारी रहेगा “
किसानों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए हरियाणा प्रशासन ने मांगों को स्वीकार कर किसानों को घर भेज दिया है।
आयुष सिन्हा का वीडियो सामने आने के बाद किसानों ने उनको निलंबित करने की मांग की थी लेकिन अब जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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