Karnal Mahapanchayat: करनाल मिनी सचिवालय पर तीसरे दिन भी किसानों की महापंचायत जारी, Rakesh Tikait ने कहा, “नहीं हटेंगे”

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भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत (Rakesh Singh Tikait) तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सरकार के खिलाफ देशभर में महापंचायत कर रहे हैं। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में महापंचयात करने के बाद किसान अब हरियाणा के करनाल में महापंचायत कर रहे हैं। यह वही जगह है जहां किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं थी। लाठीचार्ज के विरोध में किसान महापंचायत कर रहे हैं।

लाठीचार्ज के विरोध में किसान 7 सितंबर से ही करनाल मिनी सचिवालय पर धरना दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनकी मांग नहीं पूरी करता है तब तक वो धरना स्थल से नहीं हटेंगे। वहीं राकेश टिकैत भी ऐलान कर चुके हैं कि, “करनाल मिनी सचिवालय पर हमारा धरना जारी रहेगा। धरना स्थल मिनी सचिवालय ही रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक किसान का संघर्ष जारी रहेगा “

किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।

हरियाणा के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, करनाल में किसानों के आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने “गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए” जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया है। यह आदेश आज रात 11:59 बजे तक प्रभावी रहेगा।

हरियाणा के करनाल में किसानों की महापंचायत 2.0 में प्रवेश कर गई है। कल से ही किसान लाठीचार्ज के विरोध में धरना दे रहे हैं। किसान मिनी सचिवालय के गेट पर डटे हुए हैं। किसान नेता राकेश सिंह टिकैत की अगुवाई में हजारों की संख्या में किसान रात से ही धरना दे रहे हैं। टिकैत का कहना है कि, जब तक प्रशासन उनकी मांग पूरी नहीं करती है वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे।

करनाल मिनी सचिवालय पर लाठी चार्ज के विरोध में किसानों की महापंचायत अभी भी जारी है। किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि, किसानों के साथ लघु सचिवालय पहुंच गए हैैं। टिकैत एक के बाद एक ट्वीट करते गए।

उन्होंने ट्वीट कर हरियाणा सरकार पर वार करते हुए कहा कि, आराम से बात करेंगे इनसे, जब तक न्याय नहीं जब तक रुकेंगे नहीं।

टिकैत ने ट्वीट कर लिखा कि, “हम अपने कपड़े और खाने का समान मिनी सचिवालय करनाल पर ही मंगा रहे हैं, आराम से बात करेंगे इनसे, जब तक न्याय नहीं जब तक रुकेंगे नहीं।”

काफी मुश्किलों के बाद और पुलिस से लड़ते भिड़ते किसान नेता राकेश सिंह टिकैत अपनी टोली के साथ लघु सचिवालय करनाल में पहुंच गए।

टिकैत लगातार ट्वीट कर करनाल महापंचातय की खबर दे रहे थे। उन्होंने फिर ट्वीट कर लिखा कि, “हम किसान साथियों समेत लघु सचिवालय करनाल में पहुंच चुके हैं पुलिस ने हिरासत में जरूर लिया था लेकिन युवाओं के जोश के आगे पुलिस को छोड़ना पड़ा, किसान साथियों के साथ सचिवालय पर उपस्थित हूं लड़ाई जारी रहेगी”

पुलिस के रिहा करने के बाद किसान जब सचिवालय की तरफ पैदल कूच करने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया लेकिन किसान काफी तेजी से आगे बढ़ते रहे।

किसानों के भारी प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सुरक्षा को चौक चौबंद कर दिया था। किसान जब लघु सचिवालय की तरफ कूच कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर बसों में भर दिया था। हालांकि कुछ समय बाद आंदोलनकारी किसानों को रिहा भी कर दिया। इस बात की जानकारी राकेश सिंह टिकैत ने ट्वीट कर दी थी।

टिकैत ने ट्वीट कर लिखा था कि, “किसानों के भारी दबाब और प्रदर्शन के कारण पुलिस ने सभी साथियों को बसों से उतार दिया है। हम सभी पैदल आगे बढ़ रहे हैं।”

करनाल में प्रदर्शनकारी किसान सचिवालय की तरफ कूच कर चुके हैं। प्रशासन से अब तक बातचीत में कोई समाधान नहीं निकल पाया है। हजारों की संख्या में किसान सचिवालय की तरफ बढ़ रहे हैं। पुलिस उन्हें लगातार रोकने की कोशिश कर रही है।

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करनाल में 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज को लेकर किसान महापंचायत कर रहे हैं। हरियाणा सरकार महापंचायत को लेकर राजी नहीं है। इस मुद्दे पर 11 प्रतिनिधियों के साथ किसान हरियाणा प्रशासन से बात कर रहे थे लेकिन टिकैत का कहना है कि सरकार उनके किसी भी मांग पर राजी नहीं हो रही है। ऐसे में महापंचायत ही उपाय है।

टिकैत ने कहा कि, महापंचायत चलती रहेगी। चाहे हमें सरकार गिरफ्तार ही क्यों न कर ले। टिकैत ने कहा कि, महापंचायत जारी रहेगी। बता दें कि, सुबह 10 बजे से किसानों की पंचायत चल रही है। हजारों किसान वहां जमा हो गए हैं और भी किसानों का आने का सिलसिला जारी है।

किसानों के महापंचायत पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, लोकतंत्र में प्रदर्शन करना सभी का अधिकार है। बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश करेंगे।

वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसान नेता गुरूनाम चढूनी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, कांग्रेस से पैसा लेकर माहौल खराब कर रहे हैं।

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किसानों की महापंचायत पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने टिप्पणी की है उन्होंने कहा कि, किसान शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर सकते हैं। किसानों को कानून हाथ में नहीं लेने देंगे। विज ने कहा कि, मैं किसान भाईंयों से आग्रह करता हूं कि, शांति से आंदोलन करें। कानून का पालन करें।

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करनाल में 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने महापंचायत बुलाई है। किसानों के सैलाब को देखते हुए हरियाणा सरकार ने करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मोबाइल इंटरनेट और SMS सेवाएँ बंद करने के आदेश दिए हैं। आज रात बारह बजे से 7 सितंबर की रात बारह बजे तक सेवांए बंद रहेंगी। धारा 144 लागू कर दी  गई है। चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। सुरक्षाबलों की कुल 40 कंपनियों की तैनाती की गई है, साथ ही केंद्रीय सुरक्षाबलों की 10 कंपनी को तैनात किया गया है।

किसान संगठन सुबह दस बजे नई अनाज मंडी में महापंचायत व जिला सचिवालय के घेराव के लिए एकत्रित होने लगे हैं।

महापंचायत से पहले किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि, वे खुद करनाल पहुंच रहे हैं। उन्होंने लिखा कि, “करनाल पुलिस की बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज में शहीद किया सुशील काजला को न्याय दिलाने हेतु संयुक्त किसान मोर्चा के साथियों सहित कुछ समय में करनाल पहुंच रहा हूं आप सभी करनाल पर नज़र बनाए रखें।”

आधी रात तक नई अनाज मंडी से सटे सेक्टर-3 स्थित औद्योगिक क्षेत्र को कंटीले तार और बांसों से सील कर दिया गया ताकि अनाज मंडी से किसी भी तरफ से किसान निकल न पाएं। रात 12:30 बजे तक औद्योगिक क्षेत्र के सात गेट सील किए जा चुके थे। पुलिस को आशंका है कि किसान माहौल बिगड़ने पर अनाज मंडी से औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों, श्रमिकों का अमला सीलिंग की कार्रवाई में जुटा रहा।

बता दें कि, दिल्ली के बॉर्डर पर किसान पिछले 10 माह से तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। किसान कानून को काला बता रहे हैं और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान गरमी, सर्दी, होली दिवाली में डटे हुए हैं।

किसानों का कहना है कि वे तब तक वहां से नहीं हटेंगे जब तक तीनों कानून रद्द नहीं हो जाते हैं। किसानों के आंदोलन को 1 साल होने वाला है। इस मुद्दे को लेकर सरकार से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है।

सरकार और किसानों की तरफ से वार्ता अब पूरी तरह से बंद है। वार्ता के लिए सरकार ने शर्त रखी है कि, कानून रद्द नहीं होंगे बाकी आप बात करते रहो। वहीं किसानों का कहना है कि, बात सिर्फ कानून वापसी पर होगी। दोनों भी अपनी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।

एक तरफ किसान जहां अपनी जिद पर अड़े हैं वही किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा का सख्त पहरा लगाया है। लघु सचिवालय के आसपास रात से ही पुलिस व सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गई और सुरक्षा की हिदायत से सुबह वाटर कैनन के अलावा, रेत-बजरी के डंपरों से सड़कों को बंद करना शुरू कर दिया गया है।

हरियाणा सरकार के आदेशों के बाद कई जिलों की पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स बुला ली गई। सरकार ने करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में भी सोमवार रात 12 बजे से इंटरनेट व एसएमएस सेवा बंद कर दी है। यह पाबंदी मंगलवार रात 12 बजे तक लागू रहेगी। पुलिस-प्रशासन का दावा है कि किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी।

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