गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की मीडिया शाखा विश्व संवाद की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नारद को गूगल जैसा बता डाला। इस दौरान रुपाणी पत्रकारों को नारद की तरह बनने की नसीहत देते भी नजर आए।
सीएम रुपाणी ने नारद को सच्चा पत्रकार बताया, बता दें कि पौराणिक कथाओं में देवर्षि नारद का अक्सर जिक्र होता है। रुपाणी ने कहा कि नारद की तरह आज के पत्रकारों को केवल खबर बतानी चाहिए, अपना नजरिया नहीं। उन्होंने कहा कि देवताओं और असुरों दोनों से अच्छे संबंध होने के बावजूद नारद केवल मानवता की भलाई के उद्देश्य से किसी भी पक्ष को जानकारी देते थे।
रुपाणी ने कहा, ‘आज के संदर्भ में हम नारद की तुलना गूगल से कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास दुनिया के हर कोने में हो रही घटना के बारे में जानकारी रहती थी। उन्होंने कहा कि नारद जानकारी देने में सावधानी बरतते थे। पहले वह यह सुनिश्चित करते थे कि उनके द्वारा दी गई सूचना से मानवमात्र का कल्याण हो और किसी को कोई नुकसान न पहुंचे।’
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने आगे कहा, ‘इसीलिए उनकी गणना ऋषि के रूप में होती है। एक ऐसा शख्स, जो लोगों की भलाई के लिए काम करता है। उनके बारे में कई बार ऐसा दर्शाया जाता है कि वह लोगों से चुगलखोरी करते थे लेकिन हकीकत में वह केवल लोगों की भलाई के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। दुर्भाग्य से हमारे ऋषियों का चित्रण कई जगह उचित तरीके से नहीं किया गया। विश्वामित्र और मेनका की कथा इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
लोकतंत्र में मीडिया की अहमियत को स्वीकार करते हुए रुपाणी ने कहा कि लोकतंत्र में अलग-अलग मुद्दों पर संवाद होना जरूरी है और मीडिया इसमें अहम भूमिका निभाता है।