नोटबंदी और जीएसटी के बाद सरकार उन लोगों पर लगातार नजरें बनाई हुई हैं जो गैरकानूनी रूप से पैसों की हेर-फेर में लगे हुए हैं। मोदी सरकार ने भी साफतौर से कहा है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस बरता जाएगा। ऐसे में सरकार की नजर अब उन कारोबारियों पर है जिन्होंने अब तक जीएसटी का रिटर्न दाखिल नहीं किया… जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले 3 लाख 85 हजार व्यापारी सरकार के रडार पर हैं..  जीएसटी काउंसिल ने केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारियों को जीएसटी का रिटर्न न भरने वाले व्यापारियों की सूची सौंपी है..  टैक्स अधिकारी अब ऐसे व्यवसाइयों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं.. बताया जा रहा है कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड और जीएसटीएन ने अब तक दाखिल जीएसटी रिटर्न के आधार पर आंकड़ों का विश्लेषण किया है..  जिसमें ये चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं..  केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 26वीं बैठक में इन आंकड़ों पर चर्चा हुई..

एक जुलाई 2017 से देश में जीएसटी लागू होने के बाद अब तक सात महीनों के लिए जीएसटीआर-3बी रिटर्न भरे जा चुके है..  इनके आंकड़ों के विश्लेषण के बाद पता चला है कि आठ मार्च 2018 तक 3.85 लाख व्यापारियों ने अपना जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया.. जुलाई-दिसंबर के बीच जीएसटी नेटवर्क में फाइल रिटर्न्स का प्राथमिक विश्लेषण करने पर संदेह पैदा हो रहा है कि कारोबारियों ने 34,000 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी छिपा ली है.. काउंसिल ने इस सूचना का और विश्लेषण करने और इसके आधार पर जरूरी कार्रवाई करने का फैसला किया..

एपीएन ब्यूरो

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