चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय रेलवे अपनी मजबूती बढ़ाने की तैयारी कर रहा है… आपात स्थिति में सेना को सीमा पर पहुंचाने के लिए और अहम हथियारों और सैनिकों को ले जा रही विशेष ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है… भारतीय रेलवे सेना की इन जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी ओर से पैसा खर्च करने को भी तैयार है.. खबर है कि रेलवे ने फैसला लिया है कि वो थलसेना की आधारभूत संरचना संबंधी जरूरतों को बढ़ाएगा ताकि चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में संसाधन तेजी से पहुंचाए जा सकें… रेलवे ने सशस्त्र बलों की विशिष्ट जरूरतों पर काम करना पहले ही शुरू कर दिया है और थलसेना को अपनी ऑनलाइन ट्रेन निगरानी प्रणाली तक पहुंच मुहैया कराने का फैसला किया है ताकि वो विभिन्न जगहों पर हथियारों और जवानों को लेकर जा रही विशेष ट्रेनों की गतिविधियों की निगरानी कर सके…

खबर है कि रेलवे थलसेना मुख्यालय के उस प्रस्ताव पर भी सहमत हो गया है जिसमें अरुणाचल प्रदेश में भारत- चीन सीमा के पास के विभिन्न सेक्टरों तक हथियारों को तेजी से ले जाने के लिए पूर्वोत्तर में कई प्रमुख स्टेशनों पर सर्मिपत सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही गई थी..  अरुणाचल प्रदेश के भलुकपुंग, असम के शिलापत्थर और मकुम और नगालैंड के मोकोकचुंग और दीमापुर में ये सुविधाएं शुरू की जाएंगी..   रेलवे ने अपने अधिकारियों को पूर्वोत्तर और पाकिस्तानी सीमा से सटे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण विभिन्न इलाकों में भेजने पर भी सहमति जताई है ताकि वे थलसेना की विशिष्ट आधारभूत संरचना से जुड़ी जरूरतों को समझ सकें… पिछले साल डोकलाम में 73 दिनों तक कायम रहे गतिरोध के बाद थलसेना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवहन आधारभूत संरचना दुरुस्त करने की जोरदार वकालत की थी ताकि सैनिकों और हथियारों को चीन से लगी सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे संवेदनशील जगहों तक ले जाने में लगने वाले समय में कटौती हो..

—एपीएन ब्यूरो

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here