महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जान पहले से ही खपरी में है। 100 करोड़ वसूली का आरोप झेल ही रहें हैं साथ में प्रवर्तन निदेशालय भी पीछे पड़ा है। अब बेटे की करतूत ने देशमुख को मुह के बल धकेल दिया है। अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख ईडी की रडार पर आगए हैं। 300 करोड़ की लैंड डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय जांज कर रही है। जल्द ही सलिल से पूछताछ कर सकती है।

300 करोड़ के लैंड डील मामले में 15 प्लॉट शामिल हैं। एक अधिकारिक अखबार से पता चलता है कि ये प्लॉट प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदे गए थे, जिसमें सलिल देशमुख की नियंत्रण हिस्सेदारी है।

खबरों के अनुसार, लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य की 8.3 एकड़ जमीन NH 348 पलासपे फाटा से JNPT से थोड़ी दूरी पर स्थित है। इसमें से जमीन का एक टुकड़ा एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से भी खरीदा गया था।

ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सलिल का इस कंपनी में कंट्रोलिंग स्टेक है। इस मुद्दे पर अनिल देशमुख ने कोई बयान नहीं दिया है। एक अधिकारिक अखबार के पास उपलब्ध डाटा के अनुसार जमीन का ये लेनदेन 2006 और 2015 के बीच किया गया था। पत्रकारों ने खबर को पुख्ता करने क लिए इलाके का दौरा भी किया है। इस दौरान पाया कि एक दूसरे से सटे कई प्लॉट खरीदे गए थे। बता दें कि ये जमीनें जसाई तलाठी सीमा, उरण तहसील के धूतुम गांव में हैं।

पत्रकारों ने जब दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी रामदशेठ ठाकुर के रिश्तेदार चंद्रभागा पाटिल से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि “ये प्लॉट अनिल देशमुख और उनके परिवार के सदस्यों को बेचे गए थे। यह एक कंपनी (प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड) के नाम से रजिस्टर हुए। इसके अलावा कई किसानों ने अपनी जमीन बेच दी और ज्यादातर को नकद पेमेंट किया गया।

बता दें कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की कुछ छड़ बरामद हुई थी। जांच में खुलासा हुआ था कि, यह कांड करने वाला मुंबई पुलिस का क्राइम ब्रांच का अधिकारी सचिन वाजे ही था। इसके बाद वाजे को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया था। कुछ समय बाद वाजे को एनआईए ने गिरफ्तार किया और पूछताछ करने लगी। इस बीच परमबीर का ट्रांसफर हुआ। अपने ट्रांसफर से नाराज परमबीर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक खत लिख, अनिल देशमुख पर जबरन वाजे से वसूली का आरोप लगाया था। इस खते के बाद मुंबई की राजनीति में आया भुचाल शांत नहीं हुआ है।

सभी आरोपों को देशमुख और एनसीपी नेता शरद पवार खारिज करते रहे। मामले को फंसता देख परमबीर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने यह कह कर परमबीर सिंह की याचिका खारिज कर दी कि, आप पहले हाईकोर्ट जाइए। हाईकोर्ट से परमबीर सिंह की जीत हुई, कोर्ट ने मामले को सीबीआई जांच का आदेश दे दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान अनिल देशमुख ने कहा था कि, कोर्ट ने मेरे खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। अब मैं इस पद के लायक नहीं हूं।

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