Subramanian Swamy ने Air India की विनिवेश प्रक्रिया को बताया असंवैधानिक, कहा- यह जनहित के खिलाफ

0
352
Subramanian Swamy
Subramanian Swamy

मोदी सरकार की नाक में दम करने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता Subramanian Swamy ने एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया की रोकने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की।

दिल्ली हाईकोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार के द्वारा टाट सन्स के साथ किये गये एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को रद्द करने की। वहीं मोदी सरकार की ओर से दलील दी गई कि विनिवेश सरकार का एक नीतिगत फैसला है।

Subramanian Swamy की याचिका पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने स्पष्ट कहा कि एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही थी और सरकार एयर इंडिया के द्वारा हो रहे सरकारी खजाने के नुसकान को और अधिक नहीं उठा सकती थी। इसलिए सरकार की ओर से एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला लिया गया। कोर्ट ने इस मामले पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और कोर्ट अब अपना फैसला 6 जनवरी को सुनाएगा।

Subramanian Swamy
Subramanian Swamy

Subramanian Swamy की इस याचिका पर टाटा संस के वकील ने दिल्ली होईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि टाटा संस यह सफल बोली लगाने वाली एक 100 फीसदी भारतीय कंपनी है, जिस पर 100 फीसदी एक भारतीय का स्वामित्व है।

Subramanian Swamy ने विनिवेश को भ्रष्ट और जनहित विरोधी बताया

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली प्रक्रिया मनमानी, भ्रष्ट, दुर्भावनापूर्ण, असंवैधानिक तरीके से जनहित के खिलाफ फैसला किया गया है। स्वामी का दावा है कि टाटा संस के पक्ष में धांधली की गई है।

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि एक स्पष्ट बयान है कि मद्रास हाईकोर्ट में दिवाला प्रक्रिया चल रही है जिसने स्पाइसजेट के खिलाफ आदेश पारित किया और इसलिए वह बोली लगाने का हकदार नहीं था। इसका मतलब है कि केवल एक बोलीदाता था और बोली नहीं लग सकती।

Subramanian Swamy

दोनों पक्षों की बात सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को रद्द करने की मांग वाली भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले पर 6 जनवरी को आदेश पारित किया है।

इसे भी पढ़ें: एयर इंडिया की 100% हिस्सा बेचेगी सरकार,17 मार्च तक लगेगी बोली

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here