कोरोना की एनिवर्सरी आ गई है। उम्मीद जताई जा रही थी कि साल के आखिर तक सब कुछ ठीक हो जाएगा। गर्त में पड़ी अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी, लॉकडाउन का घाव झेल रहे लोगों का घाव भर जाएगा। पर ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा है। देश की राजधानी दिल्ली की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। दिल्ली में बढ़ते कोरोना को देखते हुए हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कोरोना से निपटने के लिए क्या-क्या काम किया है इसकी विस्तार में रिपोर्ट मांगी है।

कोर्ट ने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि आप स्थिति को कैसे संभाल रहे हैं।’ इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट 11 नवंबर और 19 नवंबर को दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को कड़ी फटकार लगा चुकी है। हाई कोर्ट ने 19 नवंबर की सुनवाई में तो यहां तक पूछ डाला कि ‘मरने वालों के परिजनों को क्या जवाब दोगे?’

राजधानी में बढ़ते कोरोना को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था इसी दौरान कहा कि, यहां पर पिछले दो हफ्तों में हालात बेकाबू दिख रहे हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो कोविड मरीजों की देखभाल की व्यवस्था का अद्यतन ब्योरा पेश करे। इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि राजधानी में संक्रमित मरीजों के लिए बेड रिजर्व कर दिया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली सरकार के इस जवाब से सहमति जताते हुए कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 13 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर कुछ निर्देश दिए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, “मैंन सुना है कि इस माह में कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धी हुई है। हम सभी राज्यों से कोरोना को लेकर ताजा रिपोर्ट चाहते हैं। अगर समय रहते हुए कोरोना को काबू में नहीं किया गया तो दिसंबर तक हालात बेहद खराब हो सकते हैं।”

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक बुलाई थी।  13 नवंबर को बुलाई गई बैठक में नीति आयोग ने अनुमान पेश किया। उसने कहा कि दिल्ली में प्रति 10 लाख पर 500 लोग कोविड के शिकार हो जाएंगे। अभी यह अनुपात प्रति 10 लाख 321 लोगों का है।

नीति आयोग के अनुसार दिल्ली में शादी का माहौल चल रह है साथ ही त्योहार का सीजन चल रहा है और प्रदूषण के कारण कोरोना अपनी चरम पर पहुंच सकता है। ठंड में ये बीमारी बढ़ती है। इसे रोकने के लिए भीड़ को रोकना पड़ेगा।

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