दिल्ली में दंगा भड़काने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व दो छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम को गिरफ्तार किया है। इस आरोप से जुड़े पुलिस ने रविवार को 200 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर दी। इन पर उत्तर पूर्व दिल्ली में दंगों की साजिश रचने का बेहद संगीन आरोप लगा है। साथ ही खबर आई है कि चांद बाग में उमर का एक गुप्त ऑफिस था जहां से वो दंगों की साजिश रचता था।

कड़कड़डूमा कोर्ट के स्पेशल जज अमिताभ रावत की अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसमें दिल्ली दंगों में उमर खालिद और शरजील इमाम की भूमिका का विस्तृत विवरण दिया गया है। आरोप पत्र में उनके साथी फैज खान का भी नाम है। पुलिस बाकी तीन आरोपियों के खिलाफ एक महीने के अंदर दूसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।

पुलिस का दावा है कि जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का पूर्व लीडर उमर खालिद ने उत्तर पूर्व दिल्ली के चांद बाग में कथित तौर पर ‘गुप्त कार्यालय’ बना रखा था जहां से वो कथित तौर पर दूसरे साजिशकर्ताओं के साथ देर रात में मीटिंग करता था। चांद बाग वही इलाका है जहां पहले चरण के दंगे के दौरान भारी हिंसा फैली और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए। इन्हीं हमलों में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई।


चार्जशीट के अनुसार, खालिद ने बाहर से ही दंगों को अंजाम दिलाया जिनमें 53 लोगों की जान चली गई। इसमें कहा गया है कि खालिद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दंगे भड़काना चाहता था ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज मिले जिससे ‘अल्पसंख्यक विरोधी’ नागरिकता कानून को वापस लेने का दबाव बन सके। इस केस में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

28 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने खालिद और इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमित दे दी

सितंबर में दायर पहले और प्रमुख आरोप पत्र में 15 लोगों पर कई आपराधों को अंजाम देने के आरोप लगाए गए। इसमें बताया गया कि दंगे के लिए किस तरह की साजिश रची गई और योजना को अंजाम दिया गया। 28 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने खालिद और इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमित दे दी जिसके बाद 22 नवंबर को दूसरा या पूरक आरोप पत्र दायर किया गया।

स्पेशल सेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि केंद्रीय कैबिनेट ने सीएए को संसद में पेश करने की जैसी ही मंजूरी दी, खालिद पूरे देश में समान सोच वाले लोगों के साथ संपर्क कर प्लानिंग में जुट गया। उसने शरजील इमाम के जरिए मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू नामक समूह बनाया।

पुलिस ने कहा, ‘खालिद ने एमएसजे का इस्तेमाल दिसंबर 2019 में साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में हिंसा भड़काने में किया जिसके बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। उसके बाद उसने मौजूदा केंद्र सरकार से नफरत करने वालों का एक गठबंधन बनाने की योजना पर आगे बढ़ा और वॉट्सऐप पर दिल्ली प्रॉटेस्ट सपॉर्ट ग्रुप बन गया।’

क्राइम ब्रांच ने खालिद को दंगों के दौरान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के खजूरी खास में हिंसा भड़काने के अन्य मामले में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ फरवरी में दंगे भड़काने और आर्म्स ऐक्ट की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

13 सितंबर को हुई गिरफ्तारी के बाद से ही वो तिहाड़ जेल में बंद है। 17 फरवरी को जब उसने भड़काऊ भाषण दिया तो खुफिया एजेंसियां और दिल्ली पुलिस उस पर नजर रखने लगीं।

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