विधानसभा चुनाव अब अपने अंजाम पाने के मोड़ पर पहुंच चुका है।अब चुनाव आयोग ने भी मतगणना की तैयारी के लिए चुनाव वाले पांचों राज्यों के अधिकारियों को इंतजाम पुख्ता करने के निर्देश दे दिए गए हैं।आयोग ने 2015 और 2014 में इंतजामों को लेकर लिखी गई चिट्ठी एक बार फिर भेजी है ताकि सुरक्षा इंतजाम में कोई कसर ना रहे। जनता में कौन लोकप्रिय है? किसको जनता ने स्वीकारा और किसको नकारा? हर बात का जवाब 11 मार्च को मिल जाएगा।

the commission instructed to the counting officers

पांचों राज्यों में मतगणना के लिए 157 केंद्र बनाये गए हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश में 75, उत्तराखंड में 15, पंजाब में 53, गोवा में 2 और मणिपुर में 12 मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती की जाएगी। आयोग ने मतगणना प्रबंध की तैयारी के बारे में जानकारी लेने के लिए सीईओज और आरओज यानि मुख्य चुनाव अधिकारियों और मतदान अधिकारियों के साथ कई दौर की वीडियो कांफ्रेंस की थी। सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के विचार भी जाने हैं और इसके आधार पर चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ये निर्देश जारी किए हैं।

क्या क्या होंगे इंतजाम?

  • आयोग ने हर मतगणना केंद्र पर स्ट्रांग रूम से लेकर मतगणना कक्ष तक वेल्डिंग वाली मजबूत बाड़ेबन्दी के निर्देश दिए।
  • स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्रों की 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सीसीटीवी पर पुलिस की निगरानी भी रखी जाएगा।
  • आयोग ने निर्देश में कहा है कि सभी मतगणना केंद्रों में मतगणना एजेंटों को मतगणना कर्मियों और ईवीएम मशीनों से अलग रखने के लिए कांटेदार तार लगाई जाए।
  • सभी चुनाव अधिकारियों को सात मार्च की रात तक मतगणना के सभी इंतजाम पूरे करने को कहा गया है।
  • ईवीएम मशीनें लाने, ले जाने समेत मतगणना की पूरी प्रक्रिया की वीडियो फिल्म तैयार की जाएगी।
  • प्रत्येक डीईओ द्वारा यह पूरी योजना चुनाव के उम्मीदवारों के साथ साझा की जाएगी।

बता दें कि मणिपुर में आठ मार्च को मतदान का दूसरा और अंतिम चरण होगा और इसी दिन उत्तर प्रदेश में भी मतदान का सातवां और अंतिम चरण पूरा होगा।

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