गोमती रिवर फ्रंट यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के वारिस अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जो कि लखनऊ में स्थित है। इस इकौलेत काम को लेकर अखिलेश यादव हर जगह वोट की मांग करते हुए दिख जाते हैं। प्रोजेक्ट पर 1500 करोड़ घोटाले का आरोप है। इस मुद्दे को लेकर सीबीआई ने दूसरी बार एफआईआर दर्ज की है। 5 जुलाई को सीबीआई यूपी, राजस्थान और कोलकाता समेत 42 जगहों पर छामेमारी करने के लिए पहुंची।

घोटाले में 189 से अधिक लोगों का नाम शामिल है। 1500 करोड़ का यह घोटाला समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुआ था। साल 2017 में सूबे में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस का चिट्टा खोला जा रहा है। गोमती घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में छाया है।

लखनऊ के गोमती नदी के सामने स्थित गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट घोटाले में यूपी के कई अधिकारियों का नाम भी शामिल है। मामले की जांच चल रही है। इस सिलसिले में नोएडा, गाजियाबाद, रायबरेली में छापेमारी चल रही है।

बीजेपी पर तीखे वार करने वाले अखिलेश यादव इस प्रोजेक्ट का जिक्र अपने भाषणों में अक्सर करते रहते हैं। बता दें कि साल 2017 में बीजेपी सरकार ने इस कांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। एक बार फिर छापेमारी का दौर शुरु हो गया है।

बता दें कि एक इंजीनियर रूप सिंह की गिरफ्तारी इस मामले में कुछ ही दिन पहले की गई थी। रिवर फ्रंट परियोजना के तहत अकेले सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किए थे। इनमें नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों को काम दिया गया था। उस समय लखनऊ खंड शारदा नहर के अधिशासी अभियंता रूप सिंह के खिलाफ सीबीआई को पर्याप्त सुबूत मिले थे।

बता दें कि राज्य में साल 2022 में 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने वाला है। ऐसे में पार्टी सभी लंबित कार्यों को समाप्त करने की कोशिश कर रही हैं। बात किसी प्रोजेक्ट की हो या फिर किसी घोटाले की योगी सरकार पूरी तरह से एक्टिव होगई है।

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