मिशन-2019 यानी 2019 में होने वाली लोकसभा चुनाव में अभी तकरीबन डेढ़ साल बाकी है, लेकिन चुनावी मौसम का दौर अभी से चालू हो गया है। मिशन-2019 को लेकर भाजपा, कांग्रेस सहित सभी पार्टियां धीरे-धीरे अपनी सक्रियता बढ़ाने में लग गई हैं। मिशन-2019 को देखते हुए बिहार में आज भाजपा ने पार्टी के कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुरू की। इस बैठक में पार्टी की खामियों और मजबूतियों पर चर्चा की गई। साथ ही बैठक में बिहार की राजनीति में जमीनी स्तर पर पार्टी की मजबूती बनाने में भी विचार किया गया।

इस बैठक में सभी कार्यकर्ताओं को सीधे रूप से जोड़ने का निर्णय लिया गया ताकि वे अपनी बात स्पष्ट रूप से रख सकें। इसके अलावा पार्टी जमीनी स्तर पर लोगों से सीधे जुड़ने की कोशिश करेगी।

बैठक में कुछ राजनीति प्रस्ताव भी दिए गए हैं। इन प्रस्तावों में बूथ लेवल तक कमेटी बनाना, बिहार के सभी 243 विधान सभा क्षेत्रों में प्रतिनिधि भेजना आदि कार्य शामिल हैं। इसके अलावा 16 अक्टूबर को केरल की घटना पर विरोध प्रदर्शन, 31 अक्टूबर को बिहार के सभी जिलों में सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम, 14 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के बिहार दौरे में मोकामा जाकर पुल का शिलान्यास जैसे कार्यक्रम तय किए गए हैं।

भाजपा की प्रदेश महासचिव राजेंद्र सिंह ने कहा है कि, लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य कार्यकारिणी ने संगठन को मजबूत करने का फैसला लिया है। इसके अलावा राजेंद्र सिंह ने कहा कि, पार्टी हर बूथ में त्रिशक्ति नाम के एक समिति का गठन करेगी, जिसमें बूथ अध्यक्ष, बूथ प्रभारी और बूथ स्तर के एंजेट शामिल होंगे। बिहार में कुल 60,000 से अधिक बूथ हैं और पार्टी ने 40,000 त्रिशक्ति समिति गठित की है।

पहले हुई बैठक के समापन के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी केंद्र सरकार के विकास संदेश के साथ मतदाता तक पहुंचने के लिए त्रिशक्ति सम्मेलन का आयोजन करेगी।

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