मूंछ रखने पर दलित युवक पर हुए हमले के मामले में एक नया मोड़ आया है। पुलिस का कहना है कि दलित युवक ने प्रसिद्धि पाने और खुद को चर्चा में लाने के लिए स्वयं पर हमला करवाया था।

मामले की जांच कर रही गुजरात की गांधीनगर पुलिस ने बताया कि युवक दिगंत माहेरिया ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि ‘फेमस’ होने और मीडिया में आने के लिए उसने यह झूठी कहानी गढ़ी थी। माहेरिया ने अपने पिता के सामने कबूला कि उसके मित्र ने ही कहने पर उसकी कमर में ब्लेड मारा था। पुलिस ने बताया कि दिगंत ने अपने दो मित्रों के साथ मिलकर यह मनगढंत कहानी रची थी।

गांधीनगर के एसपी वीरेंद्र सिंह यादव ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए कहा, ‘एक 8 वर्षीय लड़के ने इस काम के लिए पास की एक दुकान से ब्लेड खरीदा था, जिसे उसने माहेरिया को दिया था। शुरुआत में माहेरिया ने अपने दोस्तों को इस योजना के बारे में बताया तो पहले उन्होंने इससे इनकार कर दिया। लेकिन दबाव बनाने पर वे अंतत: राजी हो गए। इन दो मित्रों ने भी अपने पैरेंट्स की मौजूदगी में स्वीकार किया कि वे इसमें शामिल थे। पूछताछ में पता चला कि प्रदीप नाम के दोस्त ने दिगंत माहेरिया की पीठ पर ब्लेड मारा था।

वो तो गनीमत रही कि समय रहते मामले का खुलासा हो गया। वरना गुजरात चुनाव को देखते हुए तमाम राजनैतिक दल इस मामले को हाथों हाथ ले सकते थे। जिसे बड़ा मुद्दा बना कर प्रधानमंत्री मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी पर दलित उत्पीड़न के बहाने  निशाना साध सकते थे। आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को हुई इस घटना से खासा विवाद पैदा हो गया था। सोशल मीडिया पर भी यह कहा जा रहा था कि जातिवादी मानसिकता से ग्रसित होकर उच्च जाति के युवको ने माहेरिया पर हमला किया था।

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