केरल में भाजपा और संघ के लोगों पर लगातार हो रहे हमले के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्य के विजयन सरकार के खिलाफ घेराबंदी करने की तैयारी कर ली है। इस सिलसिले में संघ का अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शनिवार को तिरुअनंतपुरम में महारैली का आयोजन करने जा रहा है। इसमें देश भर के अभाविप के पदाधिकारी अपने समर्थकों के साथ भाग लेंगे।

बता दें कि भाजपा और संघ परिवार केरल में वामपंथी हिंसा के खिलाफ जनरक्षा यात्रा के दौरान मिले जनसमर्थन को और अधिक विस्तार देने की कोशिश में जुट गया है। देश भर में अलग-अलग यूनिवर्सिटी से एबीवीपी के पचास हजार से ज्यादा छात्र 11 नवंबर को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में सड़कों पर उतरने जा रहे हैं। इनमें लगभग पच्चीस हजार छात्र सिर्फ केरल से जबकि लगभग तीस हजार एबीवीपी के कार्यकर्ता देश के दूसरे हिस्सों से केरल पहुंच गए हैं।

विद्यार्थी परिषद् का कहना है कि केरल की धरती पर आज तक का यह छात्र-समुदाय का सबसे बड़ा जमावड़ा होग। कार्यक्रम के संयोजन में लगे केरल के एक छात्र अरुण कुमार ने बातचीत में बताया कि ये सिर्फ एबीवीपी का कार्यक्रम नहीं है। हां आप ये जरूर कह सकते हैं कि इसका निर्देशन और संयोजन एबीवीपी कर रहा है। इसमें शामिल होने के लिए देश भर से छात्र आए हुए हैं। जो कम्युनिष्टों की हिंसा और हत्या की राजनीति का विरोध करते हैं।

लाल दुर्ग यानि वामपंथी विचारधारा का गढ़ कहे जाने वाले केरल में एबीवीपी की रैली होना अपने आप में खासा महत्व रखता है । इससे पहले भाजपा ने दो सप्ताह तक केरल और देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन कर कम्युनिष्ट हिंसा को केन्द्रीय बहस का मुद्दा बनाया था। अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यह राष्ट्रीय रैली कर संदेश देना चाहा कि नफरत के साथ हिंसा का रास्ता अख्तियार कर चुका वामपंथी राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

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