Mamata Banerjee सांप्रदायिक राजनीति में असदुद्दीन ओवैसी से भी आगे हैं – बंगाल बीजेपी अध्यक्ष

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बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री Mamata Banerjee पर हमला करते हुए उन पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ममता बनर्जी मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों के फ्रीज करने को लेकर झूठी अफवाह फैला रही हैं और केंद्र सरकार को को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए मजूमदार ने आरोप लगाया कि बनर्जी देश में सांप्रदायिक राजनीति को भड़काने में असदुद्दीन ओवैसी से भी ज्यादा सक्रिय हैं।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। (फाइल फोटो)।

सुकांत मजूमदार ने इस मामले में Mamata Banerjee को घेरते हुए कहा, “ममता बनर्जी देश में सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने में असदुद्दीन ओवैसी से भी आगे हैं। सांप्रदायिक राजनीति में उनका स्थान असदुद्दीन ओवैसी से भी आगे है।

सुकांत मजूमदार का आरोप, केंद्र सरकार को घसीटना Mamata Banerjee की आदत है

उन्होंने मौलानाओं, मुअज्जिमों को पैसा देना शुरू कर दिया है और वह ईसाई समुदाय के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रही हैं। हर चीज में केंद्र सरकार को घसीटना ममता बनर्जी की अब आदत हो गई है।”

मालूम हो कि बीते सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट करके आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों ते जरिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।

Mamata Banerjee ने ट्ववीट करके कहा, “यह सुनकर स्तब्ध हूं कि क्रिसमस पर, केंद्रीय मंत्रालय ने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों को भारत में बंद कर दिया! उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है जबकि कानून सर्वोपरि है। मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।”

मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने Mamata Banerjee के बयान का खंडन किया

वहीं इस मामले में ममता बनर्जी को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने ममता बनर्जी के ट्वीट के बाद तुरंत बयान जारी करके बताया कि उनकी संस्था का FCRA का पंजीकरण न तो निलंबित किया गया है और न ही रद्द किया गया है. इसके अलावा, इसने स्पष्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उसके किसी भी बैंक खाते पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया गया है।

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वहीं इस मामले में गृह मंत्रालय ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए बयान जारी किया कि उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) के बैंक अकाउंट फ्रीज करने का आदेश नहीं दिया है।

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फोटो साभार-सोशल मीडिया

गृह मंत्रालय की ओऱ से जारी बयान में बताया गया कि FCRA के तहत मिशनरीज ऑफ चैरिटी के FCRA पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए नवीनीकरण आवेदन 25 दिसंबर, 2021 को FCRA 2010 और विदेशी योगदान विनियमन नियम (FCRA) 2011 के तहत पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के लिए अस्वीकार कर दिया गया था। मंत्रालय की अस्वीकारिता के बाद इसकी समीक्षा के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी से कोई आवेदन भी प्राप्त नहीं हुआ है।

Missionaries of Charity की स्थापना 1950 में मदर टेरेसा ने कोलकता में की थी। ये एक रोमन कैथोलिक स्वयंसेवी धार्मिक संगठन है, जो दुनिया के 100 से अधिक देशों में मानव सेवा में योगदान दे रहा है। इसकी 4000 से अधिक शाखाएं हैं। दुनिया भर में इस संस्था को त्याग और सेवा के लिए जाना जाता है। युद्ध पीड़ितों, एड्स तथा कुष्ठ जैसे रोगों से पीड़ितों की सेवा कर के इस संस्था ने एक मिसाल कायम की है।

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