Allahabad HC: बिना अनुमति मिट्टी खोदने के खिलाफ कोर्ट सख्‍त, याचिका पर जिला प्रशासन से मांगी जानकारी

Allahabad HC: याची के पति वकील रमेश कुमार शुक्ल का कहना है कि याची के माता पिता की आयु क्रमशः 85 व 82 वर्ष है। मां हृदय रोगी है। उन्‍हें पेसमेकर लगा है। पिता भी मानसिक रूप से बीमार हैं।

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Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र थाना नैनी के गांव बजहा मसिका निवासी 85 वर्षीय राम इकबाल पांडेय की जमीन से अवैध रूप से 21 फीट गहरी मिट्टी खोदने के मामले में राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है।

याची का कहना है कि पट्टीदार रमेश चंद्र पांडेय व परिवार ने उसके पिता की जमीन की मिट्टी बेच दी है।पुलिस प्रशासन को शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

Allahabad HC: याचिका पर सुनवाई 2 मई के हफ्ते में होगी

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पूरे मामले की अगली सुनवाई 2 मई के हफ्ते में होगी। करछना के गांव छरिबना निवासी उषा शुक्ला की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने की।

याची के पति वकील रमेश कुमार शुक्ल का कहना है कि याची के माता पिता की आयु क्रमशः 85 व 82 वर्ष है। मां हृदय रोगी है। उन्‍हें पेसमेकर लगा है। पिता भी मानसिक रूप से बीमार हैं।

जिसका फायदा उठाकर पट्टीदार रमेश चंद्र पांडेय और परिवार ने दान पत्र के सहारे उनकी जमीन की मिट्टी बेच दी।याची ने तहसीलदार को आपत्ति की है। जिलाधिकारी, एसडीएम करछना, एसएसपी को शिकायत भी दी है, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई।

Allahabad HC: हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली में सुधार को लेकर मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को वकील विजय चंद्र श्रीवास्तव ने पत्र लिखकर मुकद्दमों की सुनवाई प्रक्रिया में आ रही अड़चनों को दुरुस्त करने की मांग की है। कहा है कि लचर प्रणाली से गरीब वादकारियों को न्याय मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
श्रीवास्तव का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर निर्धारित तिथि पर मुकद्दमे सूचीबद्ध नहीं हो रहे हैं। केस रिपोर्टिंग में अनावश्यक देरी हो रही है।

नए दाखिल केस का मैसेज समय से सभी वकीलों को नहीं भेजा जा रहा है। वकीलों की गैर मौजूदगी से कोर्ट आदेश कर रही या अनुपस्थिति पर केस खारिज कर दिया जा रहा है।

कॉजलिस्‍ट का प्रकाशन बंद

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श्रीवास्तव ने अपने पत्र में लिखा है कि कॉजलिस्ट का प्रकाशन बंद करने के निर्णय पर हाईकोर्ट ने सुनीता शर्मा की जनहित याचिका पर रोक लगा रखी है। इससे वकीलों को अपने मुकद्दमों की जानकारी नहीं मिल पा रही। केस अदम पैरवी में ही खारिज हो रहे हैं।
जमानत अर्जियां, याचिकाएं दाखिले से एक माह बाद पेश की जा रही हैं।हलफनामे दाखिल होने के बाद पत्रावली पर पेश नहीं किए जा रहे हैं।
रोड पर वाहनों के खड़े होने के कारण जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए दिन में बाहरी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने की भी मांग की है।

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