Agneepath Scheme लॉन्च होने के बाद थल सेना के Vice Chief Lt. Gen. B.S Raju ने कहा, “भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए तैयार हैं”

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Agneepath Scheme लॉन्च होने के बाद थल सेना के प्रमुख Lt. Gen. B.S Raju ने कहा,
Agneepath Scheme लॉन्च होने के बाद थल सेना के प्रमुख Lt. Gen. B.S Raju ने कहा, "भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए तैयार है"

केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को “Agneepath Scheme” की घोषणा की है। इसके एक दिन बाद ही थल सेना के उप प्रमुख ने कहा है कि पहली भर्ती रैली लगभग 90 दिनों में शुरू की जाएगी। इस नए पहल की सराहना करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत “भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए तैयार है।”

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लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा “अब से 90 दिन बाद भर्ती रैली शुरू हो जाएगी और अब से लगभग 180 दिन बाद, पहली भर्तियां हमारे प्रशिक्षण केंद्रों में होंगी। वहीं, अब से लगभग एक साल बाद, हमें हमारी बटालियनों में सबसे पहले अग्निवीर मिल जाएंगे।

Agneepath Scheme के तहत 3.5 साल तक काम करेंगे अग्निवीर

Lt. Gen. B.S Raju ने बताया कि इन भर्तियों का चयन अखिल भारतीय स्तर पर किया जाएगा और उन्हें चयनित उम्मीदवारों को छह महीने के प्रशिक्षण से गुजरना होगा। इसके बाद वे 3.5 साल तक काम करेंगे।

4 साल के अंत में, हम उन 25% लोगों को अपने साथ बनाए रखने पर विचार कर रहे हैं जिनके पास सेना में रहने के लिए रवैया और योग्यता होगी और बाकि 75% सैनिकों को राशि जारी कर देंगे।

अग्निपथ योजना देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देती है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। इन्हें तीनों सेवाओं में एक अलग रैंक पर चयनित किया जाएगा और उन्हें उनके पहचान के लिए यूनिफॉर्म भी दी जाएगी।

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Agniveer

Agneepath Scheme के जरिए कठिन क्षेत्रों में अधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को संभालने में सक्षम

आपको बता दें, भारतीय सेना में इस समय सेवा दे रहे जवानों की औसत उम्र लगभग 32-33 वर्ष है लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा कि अग्निपथ दस सालों में प्रोफाइल को लगभग 26 वर्ष तक कम कर देगा। “यह सेना को फिट बना देगा। इस योजना के लागू होने के बाद जहां सैनिक काम करते हैं, हम उन कठिन क्षेत्रों में अधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को संभालने में सक्षम हो जाएंगे।”

उनके अनुसार, अग्निपथ के जरिए भारतीय सेना को युवा, फिट और अधिक तकनीक-प्रेमी जवान मिल सकेंगे। हम कोशिश कर रहे हैं कि उन लोगों का चयन हो जो पहले से तकनीकी हथियारों के बारे में थोड़- बहुत जानते हों। हम आईटीआई और पॉलिटेक्निक के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देंगे ताकि जब हम उन्हें सेना में ले जाएं, तो बाद के प्रशिक्षण की आवश्यकता कम हो जाए।

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