उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर साल 2022 में चुनाव होने वाला है। यह राज्य सभी पार्टी के लिए सबसे अहम रखता है। कारण है सबसे अधिक लोकसभा और विधानसभा सीटें यही वह राज्य है जो पार्टी को दिल्ली तक पहुंचने के लिए पथ देता है। वैसे तो राज्य में भारतीय जनता पार्टी राज कर रही है। चुनाव नजदीक है पार्टी सत्ता के रंग को कायम रखना चाहती है। आए दिन पार्टी के बीच मंथन चल रहा है।
मीडिया में खबरे फैलाई जा रही है कि बीजेपी में बड़ा फेर बदल होने वाला है। खबर तो यह भी है कि योगी आदित्यनाथ का पत्ता इस बार साफ होने वाला है इन अटकलों के बीच 10 जून को अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी की 11 जून को पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने पुहंचे हैं। दोनों के बीच करीब एक घंटा मीटिंग चली..अंदर की बात अभी मीडिया जगत में नहीं आई है।
पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ सुबह 11 बजे से ही मीटिंग कर रहे थे। मीटिंग सवा बारह बजे खत्म हो गई है। सीएम अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से वार्ता करेंगे। वहीं खबर यह भी है कि, सीएम योगी आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर सकते हैं। इस बीच मीडिया जगत की नजरें यूपी सीएम पर टिकी हुई हैं। पार्टी कुछ बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इन सभी मुद्दों पर बीजेपी की तरफ से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। सीएम ने ट्वीट कर लिखा, “आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार।”
हालांकि, सीएम योगी और पीएम मोदी की बैठक खत्म हो गई है। इस मंथन को देखकर आकलन लगाया जा रहा है कि कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद जल्द ही बीजेपी में मंत्री बन सकते हैं। वहीं सूत्रों की माने तो पार्टी राज्य में जितिन प्रसाद को चेहरा बनाना चाहती है। कारण ब्राह्मण वोट बैंक है।
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का एक तबका देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से खफा चल रहा है। उन्हों मनाने के लिए पार्टी जितिन प्रसाद का सहारा ले रही है। क्योंकि जितिन ब्राह्मण समाज में अच्छी पकड़ रखते हैं।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ और अमित शाह की मुलाकात के अलग अलग हलकों में कई कयास लग रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि शाह के साथ बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के समीकरणों, इस लिहाज से नए साथी दलों व प्रभावी चेहरों की तलाश पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही राज्य में छोटा मंत्रिमंडल विस्तार संभव है। अटकलें ये भी तेज हो गई हैं कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के चुनाव में उतरने से पहले केंद्र में भी बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार हो सकता है।