हादसों और जांच का सिलसिला काफी पुराना है। बनारस में लापरवाही हुई, जांच शुरू, मुंबई में पुल गिरा, जांच शुरू और अब ग्रेटर नोएडा में दो मंजिला मकान ढह गया, फिर से जांच शुरू। मरने वालों की संख्या अखबारों में गिनती में लिख दी जाती है और प्रशासन के तरफ से सहानुभूति के साथ लाखों रूपयों की सौगात दे दी जाती है। बाकी अगला हादसा होने तक राम भरोसे सब चल रहा होता है। बता दें कि दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में मंगलवार की रात दो इमारतें गिरीं जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। एनडीआरएफ की टीम ने आज एक और शव बरामद कर लिया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। इस मामले में दो अधिकारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

बता दें कि ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में मंगलवार रात छह मंजिला दो इमारतें ढहने से तीन लोगों की मौत होने के सिलसिले में पुलिस में तीन लोगों को गिरफ्तार कर, 18 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए नोएडा के जिलाधिकारी को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। खबरों के मुताबिक, इस हादसे के बाद अवैध निर्माण  के गोरखधंधे में पूरा सरकारी अमला सवालों के घेरे में है। अथॉरिटी, बैंक, पुलिस से लेकर यूपी पावर कॉर्पोरेशन तक सब पर सवाल उठ रहे हैं।

गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने बताया कि इस मामले की अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) कुमार विनीत सिंह के नेतृत्व में मजिस्ट्रेटी जांच शुरू कर दी गई है।

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