जल्द ही मोटर व्हीकल नियमों में बदलाव हो सकता है। डिजिटल इंडिया के तहत मोटर व्हीकल एक्ट को भी डिजिटाइज्ड करने की योजना है। यही वजह है कि अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस साथ लेकर नहीं चलना होगा। ये सब आपके मोबाइल पर होगा। दरअसल, अभी तक ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों के ओरिजनल दस्तावेज देखते थे लेकिन नए नियमों के बाद इसका डिजिटल वर्जन भी स्वीकार किया जाएगा।

ड्राइविंग लाइसेंस और पॉल्युशन कंट्रोल सर्टिफिकेट ऑरिजनल या डिजिटल रूप में साथ रखने की व्यवस्था की गई है। मंत्रालय ने नए व्हीकल्स के लिए रजिस्ट्रेशन के समय फिटनेस प्रमाणपत्र की अनिवार्यता भी समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। सभी कमर्शियल व्हीकल्स, जिनके पास नेशनल परमिट होगा, उन्हें हर हालत में अपनी गाड़ी की विंड स्‍क्रीन पर फास्‍टैग लगाना होगा। नेशनल हाईवे पर बने टोल प्लाजा में फास्टैग व्हीकल्स के लिए अलग लेन होने के बावजूद कमर्शियल व्हीकल्स फासटैग को नहीं अपना रहे हैं।

नेशनल परमिट हासिल करने वाले सभी वाहनों को वाहन के आगे और पीछे की ओर बड़े-बड़े अक्षरों मे ‘नेशनल परमिट या एनपी’ लिखना अनिवार्य होगा। ट्रेलर के मामले में ‘एन-पी’ वाहन के पीछे और बार्इं ओर लिखना होगा। खतरनाक सामान की ढुलाई करने वाहनों की बॉडी पर सफेद रंग में पेंट होनी चाहिए। दोनों ओर और पीछे की ओर तय वर्ग का लेबल लगा होना चाहिए। ऐसे वाहनों के आगे पीछे प्रकाश को रिफलेक्‍ट करने वाली पट्टियां लगानी होंगी। नए परिवहन वाहनों के पंजीकरण के समय फिटनेस प्रमाणपत्र की कोई जरूरत नहीं होगी। इन वाहनों के संदर्भ में माना जाएगा कि पंजीकरण की तारीख से दो साल तक के लिए उनके पास फिटनेस प्रमाणपत्र है।

आठ साल तक पुराने परिवहन वाहनों को दो साल का फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा। आठ साल से पुराने वाहनों को एक साल का फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र वास्तविक या डिजिटल रूप में रखे जा सकेंगे। सड़क परिवहन मंत्रलाय जल्द ही इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर सकता है. फिलहाल, जारी किए गए ड्राफ्ट में जो प्रस्ताव दिए गए हैं उनमें डिजिटल डॉक्यूमेंट्स भी शामिल हैं. बदलाव के बाद सभी डॉक्युमेंट्स को डिजिटली अपने स्मार्टफोन में सेव रख सकेंगे और जरूरत पड़ने पर दिखाने के काम आएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here