कहा जाता है कि किसी भी चीज पर अगर कॉरपोरेट हावी हो जाए तो वो चकाचौंध हो जाता है। कुछ ऐसा ही अब लाल किले सहित अन्य विरासतों के साथ भी होने वाला है। केंद्र सरकार की ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम के तहत मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा बनाया गया ऐतिहासिक लाल किले को डालमिया ग्रुप ने गोद ले लिया है। देश के इस ऐतिहासिक धरोहर को संवारने की खातिर डालमिया ग्रुप ने 25 करोड़ की डील की है। खबरों के मुताबिक, लाल किला सहित 22 स्मारकों में सुविधाएं बेहतर करने के लिए नौ एजेंसियां आगे आई हैं।  लाल किला देश की ऐसी पहली ऐतिहासिक इमारत बन गया है जिसे डालमिया ग्रुप ने 5 साल के कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है। इसके साथ ही डालमिया ग्रुप भी ऐसा पहला कॉरपोरेट हाउस बन गया जिसने देश के किसी ऐतिहासिक स्थल को कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है।

अनुमान के मुताबिक, अब जल्द ही ताजमहल का भी नंबर आने वाला है। ताजमहल को गोद लेने के लिए जीएमआर स्पोर्ट्स और आईटीसी अंतिम दौर में है। यही नहीं देशभर के अन्य हेरिटेजों को भी गोद लेने की प्रक्रिया तेज चल रही है और जल्द ही कोई कंपनी इनको भी गोद ले लेगी। दरअसल, सरकार ने ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम सितंबर 2017 में लांच की थी। देश भर के 100 ऐतिहासिक स्मारकों के लिए यह स्कीम लागू की गई है। डालमिया भारत लिमिटेड ने लाल किला और कडपा जिले के गंडीकोटा (आंध्र प्रदेश) को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। वह प्रति वर्ष पांच करोड़ रुपये अगले पांच साल तक इन विरासत स्थलों के संचालन और रखरखाव के लिए खर्च करेगा।

बता दें कि लालकिला के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर डालमिया भारत ग्रुप, टूरिज्म मिनिस्ट्री, आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के बीच 9 अप्रैल को डील हुई। ग्रुप को 6 महीने में लालकिले में सुविधाएं देनी होंगी। इसमें पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सुविधा शामिल हैं।

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