Bappi Lahiri Death : खर्राटों की Obstructive Sleep Apnea से पीड़ित थे संगीतकार Bappi Lahiri

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Bappi Lahiri
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Bappi Lahiri Death : बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार और डिस्‍को धुनों से हिंदी सिनेमा जगत का ट्रेंड बदलने वाले बप्‍पी लाहिड़ी का बुधवार को निधन हो गया। उन्‍होंने बॉलीवुड में तीन दशक से अधिक समय तक राज किया और इंडो वेस्‍टर्न म्‍यूजिक स्‍टाइल से सभी को अपना दीवाना बना दिया।

संगीत की दुनिया के इस अनूठे सितारे को खर्राटों की ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपनिया (Obstructive sleep apnea) नामक बीमारी थी। वे पिछले 1 वर्ष से बीमार चल रहे थे। बीते 29 दिनों से बप्पी लाहिड़ी क्रिटीकल केयर अस्पताल में भर्ती थे। इसी सोमवार को तबीयत ठीक लगने पर‌ उन्हें घर भेज दिया था, लेकिन घर में एक बार फिर से उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्‍हें एंबुलेंस के जरिये अस्पताल लाया गया। जहां रात 11 बजकर 45 मिनट पर उनका निधन हो गया।

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Sleep apnea pic credit google

Bappi Lahiri Death : क्‍या मर्ज है ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपनिया

कई लोगों को सांस लेने और सांस फूलने की समस्‍या रहती है। सांस लेने की यही समस्‍या और भी अधिक गंभीर हो जाती है जब मरीज ठीक से सांस नहीं ले पाता है। आलम ये होता है कि मरीज को नींद के दौरान भी सांस लेने में कठिनाई होती है। इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में डॉक्‍टरों से बात करने पर पता चला कि देश में ये बीमारी अधिकतर 50 से 70 आयुवर्ग के लोगों में मिलती है। इसका इलाज भी संभव है, बावजूद इसके अगर ये लंबे समय तक काबू में न आए तो काफी घातक हो सकती है।

Bappi Lahiri Death : मोटापे और डायबिटिज से पीड़ित रहें सतर्क

मोटापे और डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इस बीमार से सतर्क रहना चाहिए। ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपनिया से कई अन्य बीमारियों के होने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में बीमारी के लक्षण दिखने पर जल्‍द से जल्‍द चिकित्सकीय सलाह लें। डॉक्‍टर्स का कहना है इस रोग में अकसर सोते समय सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस वजह से रात में कई बार नींद टूटती है।

कई बार अचानक सांस कुछ सेकंड के लिए थम सी जाती है, हालांकि बाद में फिर अपने आप चलने लग जाती है। कई लोगों को ये दिक्‍कत एक दिन में करीब 10 से 12 बार भी हो सकती है। यह बीमारी तब होती है जब किसी व्यक्ति की जीभ और सोफ्ट पैलेट यानी जीभ का ऊपरी भाग काम नहीं करता। सांस लेने वाली नली छोटी हो जाती है। ऐसे में व्‍यक्ति को सांस लेने में काफी परेशानी होती है और कई बार मरीज मुंह से सांस लेने का प्रयास करता है।

रोग के ये भी हैं कारण

मोटापा
शुगर
हाई ब्‍लड प्रेशर
नींद में घुटन महसूस होना
सांस लेने में कठिनाई
नाक से आवाज आना
सोते समय सांस लेने में दिक्‍कत
तनाव

घबराहट
थकावट
और हार्ट डिजीज

लक्षण दिखने पर क्‍या करें

रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें। इसमें योग काफी मददगार साबित होता है, इसलिए अपने लिए समय निकालकर योगाभ्‍यास करें, प्राणायाम, अनुलोम- विलोम के अलावा वजन नियंत्रित रखें। अपनी दिनचर्या संतुलित रखें। वसा और चिकने पदा‍र्थों के अधिक सेवन से बचें। सैर करना भी बेहतर उपाय है। तनाव को अपने ऊपर हावी न होनें दें और सकारात्‍मक सोच रखें।

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