Republic Day 2022 पर जानिए आखिर क्या है तिरंगे झंडे का इतिहास, कब इसे बनाया गया राष्ट्र ध्वज

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Republic Day 2022
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Republic Day 2022: Republic Day 2022 के मौके पर हर तरफ सिर्फ अपना तिरंगा झंडा ही दिख रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल तो जरूर आता होगा की इसकी शुरूआत, इसका डिजाइन कब, कैसे और किसने बनाया होगा। तिरंगे झंडे का मौजूदा स्‍वरूप 22 जुलाई, 1947 को भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, तब से झंडे का यही डिजाइन है। साथ ही, इस झंडे को 26 जनवरी, 1950 को राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया।

Republic Day 2022 के मौके पर जानिए तिरंगे का इतिहास

Republic Day 2022: तिरंगा का मौजुदा स्वरूप

देश के झंडे का नाम तिरंगा इसके तीन अलग-अलग रंग की पट्टियों के कारण रखा गया है। जिसमें सबसे ऊपर केसरी, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरे रंग की प‍ट्टी होती है। झंडे की चौड़ाई व लंबाई का अनुपात 2:3 होती है। झंडे के सफेद पट्टी पर नीले रंग का अशोक चक्र होता है, जिसमें 24 तीलियां होती है।

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Republic Day 2022: भारत का पहला झंडा

आजादी के पहले 7 अगस्‍त, 1906 को देश के क्रांतिकारियों ने पारसी बागान चौक, कोलकत्‍ता में पहला ध्‍वज फहराया था। इसे उस समय क्रांतिकारियों ने राष्‍ट्रीय ध्‍वज की संज्ञा दी थी। इस ध्‍वज में लाल, पीले और लाल रंग की क्षैतिज पट्टियां थी। इसमें हरे रंग की पट्टी पर कमल का फूल, बीच के पीले रंग की पट्टी पर वंदेमातरम और लाल रंग के पट्टी पर चांद-सूरज बना था।

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Republic Day 2022: पेरिस में फहराया गया दूसरा झंडा

भारत की दूसरा झंडा पेरिस में फहराया गया था। हालांकि, इसके समय को लेकर इतिहासकारों में थोड़ा मतभेद है क्योंकि कुछ कहना है कि मैडम कामा व उनके साथियों ने इसे 1907 में फहराया था, वहीं कुछ का कहना है कि यह 1905 में फहराया गया था। इसमें सबसे ऊपर नारंगी रंग बीच में पीला और सबसे नीचे हरा रंग था। इसमें ऊपरी की पट्टी पर तारे, बीच के पट्टी पर वन्दे मातरम और सबसे नीचे चांद और तारा था। यह झंडा बर्लिन में हुए समाजवादी सम्‍मेलन में भी प्रदर्शित किया गया था।

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Republic Day 2022: तीसरे झंडे में हुआ था काफी परिवर्तन

तीसरा झंडा गघरेलू शासन आंदोलन के समय डॉ एनी बेसैंट और लोकमान्‍य तिलक द्वारा 1917 में फहराया गया था। इसमें 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां थी। इसमें सप्‍तऋषि की तरह 7 तारे बने थे। साथ ही, बांई और ऊपरी किनारे पर Union Jack और एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा था।

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Republic Day 2022: 1921 में फहरा था चौथा झंडा

चौथा ध्वज आंध्र प्रदेश के एक युवक ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में फहराते हुए उसे गांधी जी को सौंप दिया था। यह कार्यक्रम साल 1921 में अब के विजयवाड़ा में किया गया था। यह झंडा लाल और हरे रंग के पट्टियों से बना था जो देश के दो प्रमुख समुदायों यानि हिन्‍दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्‍व कर रहे थे। झंडे को देखने के बाद गांधी जी के सुझाव पर इसमें सफेद पट्टी और एक चलता हुआ चरखा जोड़ा गया था।

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Republic Day 2022: पांचवा झंडा

पांचवे झंडे को पहली बार राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्‍ताव दिया गया था। इस ध्‍वज को साल 1931 में लाया गया था। यह झंडा अभी के झंडे से थोड़ा ही अलग था, इसमें सिर्फ अशोक चक्र की जगह चरखा था, बाकि रंग और डिजाइन सब एक समान था।

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Republic Day 2022: छठां झंडा तिरंगा

तिरंगा को 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा ने स्‍वतंत्र भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया। इसमें पांचवो झंडे से सिर्फ एक चीज बदली गई थी। इसमें चरखे की जगह अशोक चक्र रखा गया। इसके बाद से आज तक यह तिरंगा झंडा हमारे देश की पहचान बन गया।

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तिरंगे झंडे के रंग का महत्व

तिरंगे की केसरिया पट्टी देश की शक्ति और साहस को प्रदर्शित करती है। इसका सफेद रंग और अशोक चक्र शांति और सत्यता का प्रतिक है और इसकी हरी पट्टी भारत की उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाति है।

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तिरंगे झंडे का चक्र

इस चक्र को धर्म चक्र भी पहा जा ता है। इसे तासरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट आशोक द्वारा बनाया गया था। यह दर्शाता है कि जावन गतिशील है और रूकने का अर्थ मृत्यु है।

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https://www.youtube.com/watch?v=M0B-gMtRzb8

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