क्या है नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और अटल पेंशन स्कीम (APS) में अंतर, जानें यहां

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भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए दो महत्वपूर्ण पेंशन योजनाएं चलती है। इनमें से एक को National Pension Scheme (NPS) और दूसरे को Atal Pension Scheme (APS) के नाम से जाना जाता है।

National Pension Scheme (NPS) के माध्यम से रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है। इसे साल 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। साल 2009 से यह योजना सभी कैटेगरी के लोगों के लिए खोल दी गई।

NPS के खाते में कोई भी व्यक्ति योगदान करके योजना का लाभ उठा सकता है। जमा की गई राशि का कुछ हिस्सा रिटायरमेंट से पहले भी निकाला जा सकता है वहीं बची हुई राशि रिटायरमेंट के बाद नियमित आय के तौर पर प्राप्त की जा सकती है।

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वहीं Atal Pension Yojana (APY) मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए सामजिक सुरक्षा की बेहतर स्कीम है। अटल पेंशन योजना में निवेश करने से सेवा निवृति के बाद जीवनयापन के लिए व्यक्ति को नियमित आय मिलती है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने APY को मई 2015 में शुरू किया था। इससे पहले असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए इस तरह की कोई योजना नहीं थी। इस पेंशन योजना का फायदा उठाने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 और ज्यादा से ज्यादा 40 साल होनी चाहिए।

APS के तहत कम से कम 20 साल तक निवेश करना होता है। अटल पेंशन योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर आपकी असामयिक मृत्यु हो जाती है तो आपके परिवार को फायदा जारी रखने का प्रावधान है।

National Pension Scheme और Atal Pension Scheme में निवेश की पात्रता

अगर आप National Pension Scheme में निवेश करके सेवा निवृति के बाद जीवन को सुखमय बनना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो। वहीं इसमें निवेश के लिए अधिकतम उम्र सीमा 55 साल है यानी 55 साल से अधिक उम्र होने पर आप इस योजना में निवेश नहीं कर सकते।

वहीं अगर हम Atal Pension Scheme की बात करें तो इसमें निवेश के लिए जो उम्र सीमा तय है वह 18 साल है, जबकि इस योजना में आप अधिकतम 40 साल की उम्र में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं।

दोनों योजनाओं के लाभार्थी कौन-कौन हो सकते हैं

NPY के तहत पेशन वालों के लिए निवेशक करने वाले भारत के नागरिक हो सकते हैं या फिर भारतीय मूल के विदेशी व्यक्ति भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। वहीं मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना में केवल भारत में रहने वाले नागरिक यानी केवल वो व्यक्ति जो भारतीय भूमि पर पैदा हुए हैं और यहीं निवास कर रहे हों, यह योजना विशेषतौर पर उन्हीं लोगों के लिए है।

NPS और APS में पेंशन की गारंटी

सेवाकाल के बाद सबसे महत्वपूर्ण होता है कि निवेशक को मिलने वाली पेंशन की गारंटी। इस मामले में की बात करें तो NPS में रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी ही इसकी कोई गारंटी नहीं दी जाती क्योंकि NPS कैपिटल मार्केट से जुड़ा होता है और यह बाजार जोखिम के अधीन रहता है। इसलिए NPS में पेंशन मिलेन का सारा आधार बाजार से लिंक्ड होता है। यही कारण है NPS में लाभ या पेंशन की गारंटी नहीं होती है। वहीं अगर हम APS की बात करें तो सरकार इसमें निवेश के बाद सेवा निवृत होने पर गारंटीड पेंशन का वादा करती है और APS के तहत निवेश के बाद निश्चित पेंशन का प्रावधान है।

NPS और APS के तहत निवेश पर मिलने वाले कर में छूट

भारत सरकार NPS के तहत धन निवेश करने पर निवेशकर्ता को मौजूदा प्रावधानों के तहत सेक्शन 80CCD के सब सेक्शन 80CCD (1) में छूट का लाभ देती है। इसके साथ ही नौकरीपेशा अपनी तनख्वाह का 10 फीसदी तक और स्वरोगजार करने वाले अपनी कुल आय का 20 फीसदी तक पेंशन अकाउंट में जमा करके छूट पा सकतें हैंं, जिसकी निर्धारित अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तय है।

इसके अलावा NPS में एक अन्य सब सेक्शन 80CCD (1B) के तहत नौकरीपेशा या स्वरोगजार करने वाले अपनी तरफ से धनराशि जम करके कर में अतिरिक्त छूट का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए निर्धारित अधिकतम सीमा 50000 रुपये तक तय है।

वहीं APS की बात करें तो इसमें निवेश करने वाले लाभार्थियों को किसी भी तरह के कर लाभ की इजाजत नहीं है, यानी अटल पेंशन योजना में किसी भी तरह का टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है।

NPS और APS में परिपक्वता से पहले धन निकासी का क्या है नियम

एनपीएस के तहत खोला गया टियर II खाता एक तरह से बचत खाते की तरह काम करता है, जहां निवेशकर्ता अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकालने के लिए स्वतंत्र है। वहीं APS के खाते में निवेशकर्ता बिना परिपक्वता से पहले निवेश किए गए धन की निकासी नहीं कर सकता है।

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सीधे शब्दों में कहें तो इसका यह अर्थ है कि अगर योजना में निवेश के कुछ समय बाद निवेशकर्ता चाहे कि वो अटल खाते में जमा धन का किसी अन्य दूसरी जगह निवेश करे तो इसमें इस तरह की कोई सुविधा नहीं मिलती है। हालांकि अगर निवेश के दौरान ही निवेशक की मौत हो जाती है या उसकी तबीयत गंभीर रूप से खराब हो जाती है तो ऐसे स्थिति में अटल खाते से धन निकासी का प्रावधान मौजूद है।

NPS और APS खातों में क्या है अंतर

NPS में निवेशकर्ताओं के सामने दो तरह के खातों का विकल्प होता है। इसे टियर 1 और टियर 2 कहते हैं। 60 साल की उम्र तक टियर 1 से धन की निकासी नहीं की जा सकती है वहीं टियर II खाता एक तरह से बचत खाते की तरह काम करता है। इसमें निवेशकर्ता अपनी जरूरत के हिसाब से धन की निकासी कर सकता है। वहीं APS में एक ही तरह का अकाउंट का प्रावधान है।

NPS और APS में निवेश का क्या है प्रावधान

NPS में निवेशकों को विकल्प दिया जाता है कि वो अपनी जरूरत या मर्जी के हिसाब से निवेश का चयन कर सकते हैं लेकिन APS में निवेशकों के सामने निवेश का कोई विकल्प नहीं होता है।

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