Year Ender 2023: इस सेक्टर के लिए बेहद खराब रहा साल 2023, लाखों लोगों ने गंवाई नौकरियां!

0
56

Year Ender 2023: साल 2023 कई मायनों में खास रहा। कोरोना जैसी महामारी के बाद भी भारत की इकोनॉमी अच्छी हालत में देखी गई। विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में भी देश ने कामयाबी हासिल की है। वहीं, शेयर बाजार पर भी इसका खासा असर देखने को मिला है।

इन सबके बावजूद इस साल कई कंपनियों ने प्रॉफिट बुकिंग के रहते भी अपने यहां से लोगों को जॉब से निकाल दिया। इस रेस में छोटी कंपनी से लेकर बड़े टेक जायंट भी शामिल रहे। सबसे ज्यादा असर आईटी सेक्टर पर देखने को मिला, यहां लाखों की संख्या में लोगों ने नौकरियां गंवा दी। आइए इस साल जॉब सेक्टर में हुई छंटनी पर नजर डालते हैं।

Subscribe3 1
Layoffs

लाखों लोगों ने गंवाई नौकरी

साल 2023 अब खत्म होने को ही है। आज भी कई कंपनियां अपने यहां छंटनी पर काम कर रही हैं। Spotify जोकि एक म्यूजिक स्ट्रीमिंग एप्लिकेशन है, उसकी बात करें तो यहां इस महीने की शुरुआत में 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया। यह कंपनी के टोटल वर्क फोर्स का 17% है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 2,40,000 से अधिक नौकरियों में कटौती देखी गई है, जो 2022 के बाद से 50 प्रतिशत की वृद्धि है। इस साल माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, गूगल, अमेजन और ज़ूम जैसी कुछ अन्य बड़ी टेक कंपनियां थीं, जिन्होंने छंटनी की है।

क्या रही वजह?

ज्यादातर कंपनियों ने अपने फैसले के लिए कंपनी को रीस्ट्रक्चर करने और लागत में कटौती का कारण बताया है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि टेक फील्ड में नौकरियों के जाने का एक बड़ा कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आना है। खास बात यह है कि इस एआई ने खुद को बनाने वाले की ही नौकरी खा ली है। चैटजीपीटी के सीईओ की भी नौकरी चली गई है। बता दें कि माइक्रोसॉप्ट की की एआई कंपनी चैटजीपीटी है। गूगल ने भी एक एआई प्लेटफॉर्म बॉर्ड बनाया है।

स्टार्टअप भी रहे फुस्स!

2022 में फंडिंग विंटर की शुरुआत के बाद से 121 भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा लगभग 34,785 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। आईएनसी 42 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप 7 में से 6 एडटेक यूनिकॉर्न समेत 24 भारतीय एडटेक स्टार्टअप्स ने पिछले साल से 14,616 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस साल अब तक 69 स्टार्टअप्स ने 15,247 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, जो यह बताता है कि नौकरियों में कटौती की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

यह भी पढ़ें:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here