भारत में आज़ादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक सुधार का विधेयक कहे जा रहे वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) विधेयक को लोकसभा में लम्बी बहस के बाद मंजूरी मिल गई है। लोकसभा में इससे जुड़े चार अन्य विधेयकों को भी मंजूरी मिल गई है। इन विधेयकों में सैंट्रल जी.एस.टी., इंटीग्रेटेड जी.एस.टी., यूनियन टैरिटरी जी.एस.टी. और कम्पन्सेशन जी.एस.टी. बिलों को लोकसभा ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। लोकसभा में इसके पारित होने के बाद 1 जुलाई से देश भर में जीएसटी के लागू होने का रास्ता साफ़ हो गया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने पर केंद्र के आठ और राज्यों के नौ अप्रत्यक्ष कर व सेस समाप्त हो जाएंगे। जी.एस.टी. के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पैशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट सेल्स टैक्स, सैंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स व लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।
जीएसटी पर इससे पहले लोकसभा में करीब सात घंटे चर्चा चली। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई बार तल्खी भी देखने को मिली लेकिन अंततः यह पारित हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी के पारित होने पर देशवासियों को ट्वीट कर बधाई देते हुए लिखा कि जीएसटी बिल पास होने पर सभी देश वाशियों को बधाई नया साल,नया कानून,नया भारत।
GST बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई | नया साल, नया कानून, नया भारत!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2017
वित्त मंत्री अरुण जेटली भी जीएसटी के लोकसभा में पारित होने के बाद उत्साह से भरे नज़र आए। उन्होंने कहा कि हम एक इतिहास बनता हुआ देख रहे हैं क्योंकि इससे अप्रत्यक्ष कर का नया सिस्टम मिलेगा। जेटली ने कहा कि जीएसटी से जुड़े चार कानूनों को लोकसभा से पारित कराकर हमने एक बड़ा काम किया है और आगे बढ़ने की दिशा में यह एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसे लेकर मै बहुत आशावान हूं कि समयसीमा से पहले कानून लागू कर दिया जाएगा।
लोकसभा में कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने जीएसटी बिल के पास होने पर कहा कि हम जीएसटी का समर्थन करते हैं लेकिन विरोध और सवाल इसके पारित कराए जाने के तरीकों को लेकर है जो एक संप्रभु देश के खिलाफ है। हालांकि इस विधेयक के लिए सांसदों में विरोध,सवालों और आरोप प्रत्यारोप के बीच एकजुटता देखने को मिली।
जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी।
राज्य और केंद्र मिलकर सामान और सेवाओं पर टैक्स लगाएंगे।
देशभर में वस्तुओं के दाम कम होंगे और एक होंगे ।
संसद और राज्यों की विधानसभाओं को गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा।
जीएसटी काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
जीएसटी लागू होने से टैक्स में चोरी आसान नहीं होगी।
जीएसटी के लागू होने के बाद देश भर में गुड्स एवं सर्विसेज की मूवमेंट आसान होगी।
जीएसटी के लागू होने से आपूर्ति क्षमता बेहतर होगी।
जीएसटी से ऑनलाइन लेनदेन बढ़ेगा और इससे कर देने वालों का दायरा बढ़ेगा।
विश्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने से GDP में 2% का इजाफा होगा।
अभी देश में कई टैक्स ब्रैकेट्स हैं अभी यह 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं।
खाने-पीने की अहम चीजों पर 0% टैक्स, नुकसानदेह या लग्जरी चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है।