PM Narendra Modi को गुजरात दंगा में क्लीन चिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया गया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिककर्ता जकिया जाफरी की तरफ से पेश वकील कपिल सिब्बल ने केस को काफी जल्दी लिस्ट करने को लेकर सवाल उठाया। सिब्बल ने कोर्ट से कहा की इस मामले में ज्यादा दस्तावेज है। इसलिये इतनी जल्दी की तारीख में मामले में पक्ष रखना सम्भव नही होगा।
कपिल सिब्बल की गुहार पर जस्टिस खानविलकर ने कहा इसकी जानकारी पहले ही दे दी गई थी। हालांकि कोर्ट ने कपिल सिब्बल की दलील पर मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख देते हुए कहा मामले को दाखिल हुए 3 साल हो चुके है। अब मामले में और तारीख नही दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट 26 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगा
अब इस मामले पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी। दरअसल SIT ने क्लोजर रिपोर्ट में कहा था कि जांच एजेंसी को आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाने योग्य कोई सबूत नहीं मिले। जिसके बाद जकिया ने SIT फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। गुजरात हाई कोर्ट ने अक्टूबर, 2017 में जकिया की याचिका खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश को जाफरी ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
यह मामला गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाए जाने से 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को कोई हुई थी। घटना जिसमें अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे। इन दंगों में मारे जाने वालों में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। SIT ने घटना की जांच करते हुए 2012 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी और 63 अन्य को इस मामले में क्लीन चिट देते हुए ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की थी।