2021 में Google News Feed में सबसे अधिक सर्च किया गया, What is Happening in Afghanistan, ऐसा है देश का हाल

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What is Happening in Afghanistan

सामराज्यों के कब्रिस्तान अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के राज को पूरे 5 माह हो गए हैं। दुनिया जानने को उत्सुक है कि तालिबान के राज वाले देश में क्या चल रहा है। बंदूक वाली सरकार कैसे देश को चला रही है। गूगल के न्यूज इंवेट में लोगों ने तीसरे नंबर पर सबसे अधिक सर्च किया है कि What is Happening in Afghanistan और Afghanistan News, अफगानिस्तान भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। यूएन के विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी डायरेक्टर डेविड बेस्ली (David Beasley) ने 27 अक्तूबर 2021 में बताया था कि, अफगानिस्तान की कुल 3 करोड़ 90 लाख की आबादी में से अभी करीब 2 करोड़ 28 लाख लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

Afghanistan में रोजगार क्षेत्र का बुरा हाल

Afghanistan Employment Sector
Afghanistan Employment Sector

तालिबानी हुकूमत के पांच महीने बाद भी में अफगानिस्तान में हक की आवाज उठ रही है। तालिबान राज में अफगानी महिलाएं शिक्षा और रोजगार का अधिकार मांग रही हैं। यूनाइटेड नेशंस से दखल देने की मांग कर रही हैं। तालिबान राज में सबसे बुरा हाल रोजगार को लेकर है। अफगानिस्तान में दफ्तरों पर ताले लग रहे हैं। बैंक बंद होने के कगार पर हैं। काबुल से कंधार तक लोग अपने घरों के टीवी, फ्रिज, पलंग, सोफा बेचकर गुजर बसर कर रहे हैं। इतना ही नहीं पेट भरने के लिए अफगानी नागरिक अपने जिगर के टुकड़ों को भी बेच रहे हैं।

तालिबानी सत्ता आने के बाद महिलाओं की जिंदगी जानवर की तरह हो गई है। उनपर टीवी इंडस्ट्री में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्कूल – कॉलेज नहीं जाने दिया जा रहा है। महिलाओं के लिए नए नए कानून लागू कर दिए हैं। दुनिया के साथ धीरे धीरे कदम मिलाने की कोशिश करने वाला अफगानिस्तान फिर 2001 में पहुंच गया है।

Afghanistan की जनता बच्चों को बेचने के लिए हुई मजबूर

Afghanistan Crisis
Afghanistan Crisis

तालिबान का राज आने के बाद देश के हालात इतने खराब हैं कि लोग दो वक्त की रोटी के लिए अपने बच्चे तक बेचने के लिए तैयार हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान (Afghanistan) में ऐसे कई परिवार हैं जिन्होंने अपने बच्चों को बेच दिया है या बेचने के लिए तैयार हैं। हाल ही में एक मां ने अपने बाकी बच्चों को भूखों मरने से बचाने के लिए अपनी कुछ महीने की बच्ची को 500 डॉलर यानी करीब 37 हजार रुपये में बेच दिया। मतलब अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से लोगों के लिए पेट भरना तक मुश्किल हो गया है। कई बच्चे कुपोषण के शिकार हो चुके हैं और इलाज की कमी से जूझ रहे हैं।

शिक्षा में यह देश काफी पीछे है। खास कर महिलाओं को लेकर शिक्षा का क्षेत्र पूरी तरह से खत्म हो रहा है। शिक्षा में अफगानिस्तान की कहानी अभी भी बड़ी चुनौतियों से सामना कर रही है। साढ़े तीन लाख बच्चे – उनमें से 75% लड़कियां अभी भी स्कूल से बाहर हैं। गरीबी, ग्रामीण विद्यालयों में योग्य महिला शिक्षकों की कमी (जो विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा से जुड़ी हुई है), और घटिया स्कूल सुविधाओं में कम नामांकन के लिए सभी खाते हैं। इसके अलावा, सभी स्कूलों में से लगभग आधे में इमारत या सुविधाएं नहीं हैं।

Afghanistani बैंकों का हाल खराब

 Afghanistan Bank
Afghanistan Bank

यहां पर तालिबानी राज के बाद 90 लाख बच्चियों का भविष्य अंधकार का सामना कर रहा है। यहां के बैंक खाली हो चुके हैं। पैसों पैसों के लिए अफगानिस्तान मोहताज होने वाला है। जिन बैंको के बाहर लंबी लंबी कतारें थी वहां पर अब ताला लटका हुआ दिखाई देता है। लोगों के हाथ में जो थोड़ा बहुत नकद बचा था वह खत्म हो रहा है।

अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रही थी। अब हालात और भी अधिक खराब है। यहां पर ज्यादातर मदद विदेश से आती थी लेकिन अब वो भी नहीं मिलती है। विश्व बैंक के अनुसार, अफगानिस्तान के मामले में जीडीपी का 40 फीसदी विदेशी मदद से पूरा होता है। तालिबान के राज के बाद जर्मनी, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों समेत सबने फंडिंग बंद कर दी है।

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