आज के जमाने में निर्भीक पत्रकारिता करना कितना मुश्किल हो गया है। आए दिन देश से लेकर विदेश तक पत्रकारों पर हमले और हत्याएं की खबरें आती रहती हैं। एक ऐसी ही खबर माल्टा से है जहां पत्रकारिता की दुनिया में भूचाल मचा देने वाली पत्रकार-ब्लॉगर डेफने कारूआना गलिट्स की एक कार बम धमाके में मौत हो गई है। बता दें कि यह वहीं पत्रकार थी जिन्होंने पनामा पेपर मामले के खुलासे में मुख्य भूमिका निभाई थी।

जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि पेपर्स से संबंधित भ्रष्टाचार को उठाने वाली पत्रकार की सोमवार को उनके घर के पास हुए कार विस्फोट में मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेफने कारूआना गलिट्स की सोमवार को उस वक्त मौत हो गई जब उनकी कार प्यूजो 108 को एक शक्तिशाली विस्फोटक द्वारा उड़ा दिया गया। डेफने कारूआना की मौत के बाद करीब 3000 लोगों ने कैंडल मार्च भी निकाला।

डेफने कारूआना गलिट्स को हाल ही में अमेरिकी समाचार संस्था पॉलिटिको द्वारा ‘वन-वोमेन विकीलीक्स’ के रूप में वर्णित किया गया था।

डेफने कारूआना एक बेहतरीन ब्लॉगर भी थीं। इनके बारे में कहा जाता है ये एक ऐसी ब्लॉगर थीं जिनकी पोस्ट को देश में सभी समाचार को मिलाकर जितनी प्रसार संख्या बनती है, उससे भी अधिक लोगों द्वारा पढ़ा जाता था।

53 वर्षीय गलिट्स ने माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट और उनकी पत्नी के पनामा पेपर्स से जुड़े होने के आरोप लगाए थे।

लेकिन प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी ने अज़रबैजान के शाही परिवार से मिले धन को छिपाने के लिए दूसरे देशों में बैंक अकाउंट खुलवाने के आरोपों का खंडन किया है।

वहीं पत्रकार की मौत के बाद प्रधानमंत्री मस्कट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि डेफने कारूआना मेरी कट्टर विरोधी थी, लेकिन इस तरह की घटना निंदनीय है। कोई भी इस घटना को सही नहीं ठहरा सकता है, ये एक वीभत्स हमला है और इसकी जांच की जाएगी।

उनकी हत्या पर माल्टा राष्ट्रपति मैरी-लुईस कोलिरो प्रेका ने कहा, “ऐसे क्षण में जब देश इस तरह के घातक हमले से हैरान है, मैं सबसे आग्रह करती हूं कि अपने शब्दों पर विचार करें, कोई निर्णय ना दें और एकजुटता दिखाएं।”

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