आज धनतेरस है। मतलब खूब खरीददारी करके अपने घर को दिया के जगमगाहट से रोशन करने का दिन। इस दिन कुबेर, मां लक्ष्मी, यमराज और ‘धनवंतरि’ की खास पूजा की जाती है। इस दिन नए बर्तन खरीदने की प्रथा है, इसी कारण लोग आज पीतल और चांदी का सामान खरीदते हैं। कहते हैं धनतेरस के दिन पूजा करने से घर में मां लक्ष्मी खुद चलकर आती हैं। धनतेरस की पूजा करने से घर में सदा सुख संम्पत्ति और समृद्धि का विकास होता है। धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक के महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
कथाओं के अनुसार जब देवता और दानव एक साथ समुद्र मंथन कर रहे थे तब भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। उसके बाद से कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में त्रयोदशी में इसे मनाया जाने लगा। दीपावली से पहले धनतेरस का खास महत्व होता है। यह दिन अबूझ मुहूर्त (अत्यंत शुभकारी) माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान वो अपने साथ अमृत कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण से भगवान धन्वंतरि को औषधी का जनक भी कहा जाता है।
लेकिन इस दिन एक बात का ध्यान देना भी आवश्यक है कि इस दिन कुछ चीजों को बिलकुल भी नहीं खरीदना चाहिए। आज के दिन कांच का सामना खरीदने से बचना चाहिए। एल्युमिनियम के बर्तन भी न खरीदें। राहु से संबंधित वस्तु होने के कारण इन सबकी खरीदारी करने से बचें। चाकू, कैंची, छुरी और लोहे के बरतन इस दिन तो बिल्कुल भी न खरीदें। इस दिन सोना, चांदी, हीरे , बर्तन जैसी चीजों को खरीदना चाहिए। इस दिन के लोग झाडू खरीदना भी बहुत शुभ मानते हैं। इस दिन के लिए मान्यता है कि खरीदा हुआ धन 13 गुना तक बढ़ जाता है।
इस दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा गेंदे के फूलों, दाल, आटा, उड़द की दाल, मूंग दाल, चना, और मसूर की दाल से पूजा होती है। कई वर्षों से धनतेरस के दिन सोने के गहने आदि खरीदने का प्रचलन है। लोगों की मान्यता है कि इससे घर में समृद्धि आती है। इस दिन बिजली का सामान जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन आदि की खरीददारी करके उसे उत्तर-पूर्व दिशा में धनतेरस के दिन रखना शुभ माना जाता है। इस दिन अवश्य ही लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर बनी वस्तुएं खरीदें। आप चाहे तो चांदी की मूर्ति ले सकते हैं या चांदी का सिक्का भी ले सकते हैं। धनतेरस के दिन 11 गोमती चक्र जरुर खरीदें। ये स्वास्थय और समृद्धि का प्रतीक होती है।