पड़ोसी बेहतर हो तो विकास का आनंद दोगुना होता है…दुर्भाग्यवश भारत के साथ ऐसी स्थिति फिलहाल नहीं दिख रही है…एक तरफ पाकिस्तान से उसे दो मार्चे पर लड़ना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ चीन आंखें तरेरता रहता है…श्रीलंका और नेपाल में अपनी पहुंच बनाकर ड्रैगन भारत को तीनों तरफ से घेरना चाहता है…ऐसे में भारत के सामने पुराने दोस्त नेपाल के पुराने मिजाज को बहाल रखने की कोशिशों को नई ऊंचाइयां देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय दौरे पर नेपाल जा रहे हैं…उनकी दो दिनों की यात्रा को भारत-नेपाल संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है…हालांकि उनकी यात्रा भारत के सहयोग से चल रही प्रमुख परियोजना के त्वरित कार्यान्वयन तथा भरोसा बनाने पर केंद्रित रहेगी…अपनी यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने लिखा है कि, उनका दौरा इस बात को दर्शाता है कि, उनकी सरकार ‘पड़ोस प्रथम’ नीति को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है…साथ ही, दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में कई द्विपक्षीय कनेक्टिविटी और विकास परियोजनाएं पूरी की हैं और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए परिवर्तनकारी पहलों की शुरुआत की है…नेपाल दौरे के दौरान पीएम मोदी जनकपुर एयरपोर्ट से सीधे जानकी मंदिर पहुंचेंगे…जानकी मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी करीब 30 मिनटों तक विशेष पूजा-अर्चना करेंगे…जहां पर उनका स्वागत नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली करेंगे…जनकपुर राम जानकी मंदिर के पुजारी पंडित विश्वनाथ का कहना है कि मोदी को 12 पुजारी एक साथ पूजा-अर्चना करवाएंगे…पीएम मोदी के दौरे को लेकर जनकपुर में पांच चक्रीय सुरक्षा घेरा बनाया जाएगा…उनके सुरक्षा के लिए नेपाल और भारत दोनों देश के सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे…

PM Modi's nepal visit big reply for china nepal policy

विशेष पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली रामायण सर्किट को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे…पीएम मोदी का सपना रामायण सर्किट बनाने का है…जिसमें जनकपुर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है…मंदिर से ही दोनों देश के प्रधानमंत्री जनकपुर से अयोध्या के लिए जो नई बस सेवा शुरू हो रही है उसे हरी झंडी दिखाएंगे और रवाना करेंगे…पीएम मोदी प्रस्तावित ‘रामायण सर्किट’ पर कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं…

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पीएम मोदी की यह तीसरी नेपाल यात्रा होगी…जबकि, नेपाल में नई सरकार बनने के बाद यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा होगी…सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी काठमांडू में 2 मधेसी दल के नेताओं से भी भेंट करेंगे…यात्रा के दौरान पीएम मोदी ओली, राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति तथा नेपाल की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे…

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ये समय की भी मांग है क्योंकि, बीते कुछ वर्षों में नेपाल में चीन का दखल लगातार बढ़ रहा है…खासकर पुष्प कमल दहल के पीएम रहते ऐसा करने में ड्रैगन को कामयाबी भी मिली…वहीं मधेशी आंदोलन के चलते भारत से सामान की आपूर्ति में दिक्कतों की वजह से चीन ने नेपाल का रूख कर लिया था…इस तनातनी का फायदा उठाकर चीन ने नेपाल के लिए ट्रेड रूट खोल दिया…संयुक्त सड़क और रेल सेवा की शुरूआत कर दी…ये शुरूआत नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली की मार्च 2016 में चीन यात्रा के बाद मई 2016 में हुई थी…मदद के नाम पर चीन ने घरेलू सामान और रोजाना की जरूरत की चीजों के 83 कार्गो कंटेनर वाली 43 कोच की मालगाड़ी नेपाल भेजी थी…ड्रैगन नेपाल के विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं में मदद के बहाने नेपाल में अपनी दखल लगातार बढ़ाकर भारत को घेरने में जुटा है…

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भारत की कोशिश अपने प्राचीन मित्र नेपाल में विभिन्न परियोजनाओं में मदद कर उसकी तोड़ निकालने की है…ऐसे में द्विपक्षीय संबंधों को गति और मजबूती देने के लिए पीएम मोदी और पीएम ओली के अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है…उम्मीद जताई जा रही है कि इससे इन दो पड़ोसी देशों के बीच ‘भरोसा और मजबूत’ होगा…इसी को परवान चढ़ाने के लिए काठमांडू में पीएम मोदी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल औप शेर बहादुर देउबा से भी मुलाकात करेंगे…

—एपीएन ब्यूरो

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