जिंबाब्वे की सत्ताधारी पार्टी ने राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को बर्खास्त करने का फैसला लिया है। जिसके लिए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को विरोध किया है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मुगाबे की तस्वीर फाड़ी, नारे लगाए और उनके दफ्तर और घर तक मार्च किया। यह देश के इतिहास में सार्वजनिक अवज्ञा का एक दुर्लभ प्रदर्शन था। मार्च का आयोजन जिम्बाब्वे मैदान पर किया गया जहां 1980 में 200,000 लोगों ने इकट्ठा होकर रॉबर्ट मुगाबे स्वागत किया था। 93 साल के रॉबर्ट मुगाबे पिछले 37 सालों से ज़िम्बाब्वे का नेतृत्व कर रहे हैं।

जिम्बाब्वे में स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सेना के सत्ता पर काबिज होने की खुशी मना रहे हैं और राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे से अपील कर रहे हैं कि वो अपने पद से इस्तीफा दे दें।

रविवार को होने वाली पार्टी की बैठक में राष्ट्रपति को हटाने और उनके द्वारा बर्खास्त किए गए उप राष्ट्रपति एमर्सन नांनगाग्वा को पदस्थ करने के बारे में फैसला लिया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह 10:30 बजे पार्टी की सेंट्रल कमेटी की बैठक होगी। इस बैठक में 93 वर्षीय मुगाबे की पत्नी ग्रेस को भी बर्खास्त करने का फैसला लिया जाएगा। राष्ट्रपति की पत्नी वर्तमान में पार्टी की महिला लीग की प्रमुख हैं।

मुगाबे अपनी पत्नी ग्रेस मुगाबे को उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं। देश में जारी तनाव के बीच बुधवार को सेना ने हस्तक्षेप किया और मुगाबे को नज़रबंद कर लिया था। ज़िम्बाब्वे के सरकारी टेलीविज़न का कहना है मुगाबे रविवार को सेना प्रमुखों से मुलाकात करने वाले हैं। सेना का कहना है कि बातचीत के निष्कर्ष के बारे में वो लोगों को जल्द से जल्दजानकारी देगी।

सेना ने भी मार्च का समर्थन किया, जिसके कारण बुधवार को बिजली जब्त की गई। सैनिकों का कहना है कि मुगाबे को अपना पद छोड़ देना चाहिए। बीते साल तक ये सैनिक राष्ट्रपति मुगाबे का समर्थन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने नारों के साथ चैनगिराई का स्वागत किया।

भीड़ के अधिकांश लोग रॉबर्ट मुगाबे सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ शिकायत कर रहे थे। मुगाबे को शुक्रवार को सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान देखा गया था, लेकिन उन्होंने कोई भी भाषण नहीं दिया।

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