आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में बैठकर अपने मंसूबों को पूरा करने की कोशिशें कर रहा है। पाकिस्तानी सरकार भले ही मौन रहकर सबकुछ देख रही है लेकिन भारत उसके हर हरकतों पर नजर डाले हुए है। इस बार हाफिज सईद ने आतंकी चाल न चलते हुए राजनीतिक चाल चला है जिससे उसे जनता का समर्थन प्राप्त हो सके। दरअसल, जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद अब पाकिस्तान की राजनीति में अपने पैर जमाने के लिए सिखों पर अपना दांव चल रहा है। अब वह पाकिस्तानी सिखों से अपने राजनीतिक दल (मिल्ली मुस्लिम लीग) के लिए समर्थन जुटाने में लगा है, जिसको लेकर हाफिज सईद ने पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों के साथ मुलाकात की है। सुनने में आ रहा है कि कमेटी भी हाफिज सईद का साथ देने को तैयार है।

पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (पीएसजीपीसी) के जनरल सेक्रटरी गोपाल सिंह चावला ने ना सिर्फ एमएमएमल को समर्थन दिया है, बल्कि ननकाना साहिब पर उसका सम्मेलन भी करवाया है। खबरों के मुताबिक, चावला ने एमएमएल का सम्मेलन करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कहा जा रहा है कि इसमें एमएमल का अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद और खुद हाफिज भी मौजूद था।

बता दें कि खबर ये भी है कि सैफुल्ला, हाफिज और चावला लोगों को भारत के खिलाफ भड़काकर चुनाव में फायदा उठाना चाह रहे हैं।  ननकाना साहिब के जेयूडी दफ्तर में यह बैठक हुई। सईद ने सिखों से कहा कि उनका समुदाय बहादुरों की कौम है, लेकिन भारत में उनके साथ अत्याचार हो रहे हैं। पाक सरकार इस मसले पर चुप है, क्योंकि भारत से दोस्ती की खातिर वह कोई भी कीमत अदा कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, सम्मेलन में हाफिज सईद की फोटो लेने की अनुमति नहीं थी क्योंकि अमेरिका ने हाफिज सईद पर 1 करोड़ रुपए का ईनाम रखा है औऱ इसके साथ ही वो एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी भी घोषित हो चुका है।

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