जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टेनमेयर आज भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र ‘वाराणसी’ जाने का भी कार्यक्रम है। जर्मनी के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान स्टेनमेयर भारतीय नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा करेंगे।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, स्टेनमेयर का यह दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि 14 मार्च 2018 को जर्मनी में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद यह राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा। अपनी यात्रा के दौरान स्टेनमेयर वाराणसी और चेन्नई का दौरा करेंगे। जर्मनी के राष्ट्रपति सारनाथ भी जाएंगे। इसके अलावा स्टाइनमायर बीएचयू में छात्र छात्राओं से संवाद भी करेंगे और अस्सी घाट से दशाश्वमेघ घाट तक नौका विहार करेंगे। जर्मनी के राष्ट्रपति के आगमन को लेकर वाराणसी में उत्साह भी देखने को मिल रहा है। स्टेनमेयर के साथ जर्मनी के शीर्ष उद्योगपति और भारत संबंधी विषय के जानकारों का एक प्रतिनिधिमंडल आएगा।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि जर्मनी के साथ भारत के संबंध द्विपक्षीय और वैश्विक संदर्भ में हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक हैं। 2000 में सामरिक भागीदारी स्थापित होने के बाद से दोनों देशों की सरकारों ने इस संबंध को गहराने की कोशिश की है। भारत की कई क्षेत्रों में मौजूदा प्राथमिकताएं जर्मनी की विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाना है जो ऊर्जा, कौशल विकास, स्मार्ट सिटी, जल एवं कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में मिलती हैं।

जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। स्टेनमेयर इससे पहले विदेश मंत्री और वाइस चांसलर के तौर पर कई बार भारत की यात्रा पर आ चुके हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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