Liz Truss: ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री के रूप में Liz Truss लेंगी शपथ, पीएम बनते ही सामने हैं ये चुनौतियां…

ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री के रूप में मंगलवार को लिज ट्रस (Liz Truss) शपथ लेंगी।

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Liz Truss
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Liz Truss: ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री के रूप में मंगलवार को लिज ट्रस (Liz Truss) शपथ लेंगी। इनसे पहले मार्गरेट थैचर और थेरेसा मे, ब्रिटेन की महिला प्रधानमंत्री (Britain PM) रह चुकी हैं। वहीं, आज बोरिस जॉनसन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपेंगे। यह एक संयोग ही है कि लिज ट्रस के पहले रही दोनों महिला पीएम भी कंजर्वेटिव पार्टी से ही थीं और लिज ट्रस भी इसी पार्टी से हैं। मालूम हो कि बीते सोमवार को आए चुनावी नतीजे में लिज ट्रस ने भारतीय मूल के सांसद ऋषि सुनक को हराया था। ऋषि भी कंजर्वेटिव पार्टी से ही हैं। प्रधानमंत्री चुनाव में लिज को कुल 81,326 तो ऋषि को 60,399 मत मिले थे।

Liz Truss
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Liz Truss के सामने होंगी कई चुनौतियां

प्रधानमंत्री की चुनाव जीतने के बाद आज लिज ट्रस का शपथग्रहण (Oath of Britain PM) होगा। वे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से स्कॉटलैंड में मिलने जाएंगी। वहीं मौके पर बोरिस जॉनसन भी मौजूद रहेंगे। वे आज अधिकारिक रूप से महारानी को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। महारानी द्वारा औपचारिक रूप से सरकार बनाने के कहे जाने के बाद लिज ट्रस, एलिजाबेथ द्वितीय के अंडर ब्रिटेन की 16वीं प्रधानमंत्री बन जाएंगी।

पीएम बनते ही लिज ट्रस के सामने चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। जानकारी के अनुसार अभी ब्रिटेन मंदी के दौर से गुजर रहा है। लिज को सबसे पहले इस मंदी की चुनौती से निपटना होगा। इसके साथ ही देश में बढ़ती महंगाई, इंडस्ट्री के क्षेत्र में हो रही अशांति भी लिज को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के 5 बड़े अर्थव्यस्था वाले देशों की लिस्ट से ब्रिटेन बाहर होकर छठे स्थान पर जा चुका है। इस स्थिति को भी सुधारने के लिए लिज को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।

आम चुनाव और विपक्षी पार्टी पर भी देना होगा ध्यान

47 वर्षीय लिज ट्रस ब्रिटेन की नई और तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। हालांकि, उनके पास अनुभवों की कोई कमी नहीं है। वे देश की कानून मंत्री, विदेश मंत्री के अलावा कई बड़े पदों को संभाल चुकी हैं, लेकिन फिर भी उनके सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। दरअसल, देश में आम चुनाव जनवरी 2025 से पहले होनी की बात कही जा रही है। इससे आमतौर पर लिज पर सभी कामों को सही और जल्दी करने की चुनौती होगी। इसके साथ ही सत्ता में पिछले 12 सालों से बनी कंजर्वेटिव पार्टी को विपक्षी लेबर पार्टी से भी चुनौती कम नहीं है। लेबर पार्टी, सत्ताधारी पार्टी के लिए कई मुद्दों पर कड़े रुख भी अपनाती है, इससे भी लिज को बाहर निकलकर काम करने की चुनौती है। साथ ही यूक्रेन का मुद्दा, एनएचएस, ब्रेक्सिट का प्रभाव, एनर्जी सिक्योरिटी जैसे तमाम मुद्दे हैं, जिनसे लिज ट्रस को सामना करना पड़ेगा।

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