Lavanya Suicide Case : Supreme Court ने कहा- मामले की CBI ही करेगी जांच

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Lavanya Suicide Case : तमिलनाडु में छात्रा लावण्या की आत्महत्या के मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ किया, कि हाई कोर्ट के द्वारा दिया सीबीआई (CBI) जांच का आदेश अभी लागू रहेगा। पुलिस ने इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा राज्य सरकार इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाने की जगह जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों की जांच करवाने पर जोर दें।

Lavanya Suicide case
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Lavanya Suicide Case : सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने राज्‍य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। केंद्र को भी जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए भी 2 हफ्ते का समय दिया। दरअसल तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें मद्रास हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई (CBI) से कराने आदेश दिया है। इस मामले में मृतका लावण्या के पिता ने पहले ही कैविएट दाखिल कर, मामले पर कोई भी निर्णय लेने से पहले उनका पक्ष भी सुनने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है।

Lavanya Suicide Case : मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग

धर्म परिवर्तन के दबाव के चलते नाबालिग लावण्या की मौत के पीछे की वजह की जांच एनआईए या सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाए जाने की मांग वकील अश्विनी उपाध्याय ने भी सुप्रीम कोर्ट की। उन्‍होंने एक याचिका के जरिये केंद्र और राज्यों को धोखाधड़ी, जबरन धर्मांतरण कराए जाने को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की। याचिका में विधि आयोग से 3 माह के भीतर धोखाधड़ी से धर्मांतरण कराए जाने के मामले पर विधेयक, धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने की मांग भी सुप्रीम कोर्ट से की गई है।

क्‍या है पूरा मामला

लावण्या तमिलनाडु के तंजावुर में क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल सेंट माइकल्स गर्ल्स होम में पढ़ती थी। आरोप है कि हॉस्टल में उसका उत्पीड़न किया जाता था।छात्रा की मौत के बाद एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें लावण्या ने कबूल किया कि उसे हर रोज डांटा जाता था।

छात्रा ने आरोप लगाया कि ईसाई धर्म अपनाने के लिए उसे हर रोज मजबूर किया जा रहा था। इस बात से परेशान होकर उसने जहर खा लिया। लावण्या के पिता मुरुगनंदम के अनुसार 9 जनवरी को उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। जल्द ही छात्रा को इलाज के लिए तंजावुर मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर किया गया। यहां होश आने पर छात्रा ने बताया कि उसने आत्महत्या करने का प्रयास क्‍यों किया ? इसके बाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस पूछताछ के बाद पता चला कि हॉस्‍टल की वार्डन लावण्या को प्रताड़ित किया करती थी। छात्रा को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा था।

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