Chhattisgarh: Congress Pradesh Committee द्वारा आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel द्वारा की गई घोषणाओं से प्रदेश सरपंच संघ खुश नजर नहीं आ रहा है। हालांकि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मानदेय में वृद्धि, sor के रेट में वृद्धि और जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत को लेकर बहुत सी घोषणाएं की थी लेकिन उसके बाद भी प्रदेश सरपंच संघ या यह कहें कि प्रदेश की पंचायत व्यवस्था के आधार और सामाजिक सेवक माने जाने वाले सरपंचों में खुशी नजर नहीं आ रही है। APN ने जब इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सरपंच संघ के पदाधिकारी से बात की तो प्रदेश अध्यक्ष भोपाल धीवर ने बताया कि हमने पहले भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और कांग्रेस के अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात की थी। हमारी 8 सूत्री मांगे जो हमने ज्ञापन स्वरूप उन्हें सौंपा था और मंच पर भी दिया उसमें एक मांग को छोड़कर अन्य किसी भी मांग पर सरकार ने सहमति नहीं जताई है, हमें आश्वासन जरूर मिला है कि पंचायत मंत्री के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया जाएगा और अन्य मांगों पर विचार करते हुए सरकार उसे पारित करेगी।
हम अपना मंच खुद तैयार कर रहे हैं: Gopal Dheevar
हम अभी कांग्रेस पार्टी के मंच पर थे और अब हम अपना मंच खुद तैयार कर रहे हैं और अति शीघ्र ही हम भी महापंचायत सम्मेलन करेंगे जो कि छत्तीसगढ़ राज्य का पहला पढ़ाती इस्त्री पंचायत सम्मेलन होगा जिसमें हम प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंचायत मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करेंगे और यह विशुद्ध रूप से सरपंचों का एक प्लेटफार्म होगा जिसमें छत्तीसगढ़ के समस्त सरपंच अपनी बातों को रखेंगे और आगे की रणनीति पर विचार सरपंच संघ की बैठक करने के बाद किया जाएगा।
सरपंच संघ अध्यक्ष गोपाल दीवार ने कहा कि हम जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और बाकी जो भी बॉडी का गठन पंचायत में किया जाता है वह अप्रत्यक्ष बॉडी है और हम एक सामाजिक सेवक हैं। हम लाखों रुपये खर्च भी करते हैं और हमारा मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य जन सेवा होता है इसलिए सरकार को सरपंचों और ग्राम पंचायत में ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
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