Allahabad HC: शताब्दी पीठ के अध्यक्ष की नियुक्ति आदेश की अवहेलना, BHU के कुलपति तलब

Allahabad HC: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति सुधीर कुमार जैन को शताब्दी पीठ अध्यक्ष की नियुक्ति करने के आदेश का पालन करने का अतिरिक्त समय दिया है।

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Allahabad HC: इलाहाबाद हाई कोर्ट (High Court) ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति सुधीर कुमार जैन को शताब्दी पीठ अध्यक्ष की नियुक्ति करने के आदेश का पालन करने का अतिरिक्त समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल अवमानना नोटिस (Notice) जारी नहीं किया जा रहा है। कुलपति को याची जवाबी लिफाफे के साथ आदेश व याचिका एक हफ्ते में भेजें और उसके एक हफ्ते में नियुक्ति कर याची को इसकी सूचना दी जाए।

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Allahabad HC: याची दोबारा दायर कर सकता है याचिका

कोर्ट का कहना था, कि आदेश का पालन नहीं किए जाने की स्थिति में याची दोबारा कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। कोर्ट ने कहा प्रथमदृष्टया कुलपति के खिलाफ आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने पर अवमानना के तहत दंडित किए जाने का केस बनता है। ये आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने डा अमर ज्योति सिंह की अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।

याची का कहना था कि बिना आवेदन मांगे बायोडाटा पर नियुक्ति करने की व्यवस्था है। बेवजह के विवादों के चलते अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है। कोर्ट ने कुलपति को नियुक्ति करने का निर्देश दिया था। जिसका पालन नहीं किए जाने पर याचिका दायर की गई थी।

Allahabad HC: बार-बार अग्रिम जमानत अर्जी का प्रयास निंदनीय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अपने पक्ष में आदेश पाने के लिए बार- बार अर्जी और याचिका दाखिल करना बेंच हंटिंग का प्रयास है। जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह एक निंदनीय कृत्य है।
कोर्ट ने कहा बहू को परेशान कर खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने की आरोपित सास की अग्रिम जमानत अर्जी दो बार दायर करने पर उसने चार्जशीट की चुनौती याचिका दायर की। इस तथ्य को छिपाकर फिर से तीसरी बार अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर हाइड एंड सीक का खेल किया।

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अर्जी खारिज करने का आदेश
कोर्ट ने कहा कि विवेचना में सहयोग न कर भाग रहे आरोपी को बार- बार अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने भी बार- बार दाखिल की जा रही अर्जी खारिज करने का आदेश दिया है।
कोर्ट को झांसा देकर जमानत पाने के लिए दाखिल तीसरी अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी। एसएसपी बुलंदशहर को आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार ऐक्शन लेने का निर्देश भी दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने मंजू बंसल की अग्रिम जमानत अर्जी पर दिया है। मालूम हो कि 10 साल पहले मृतका और याची के बेटे की शादी हुई थी। आरोप है कि शुरू से ही उसे परेशान किया जा रहा था। दो बच्चों की मां बनने के बाद भी उत्पीड़न जारी रखा। पति की प्रेमिका से संबंधों को लेकर तनाव था। जिससे आजिज होकर उसने आत्महत्या कर ली थी। मृतका की मां ने जहांगीराबाद थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पूरे परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। याची की दो बार अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के तुरंत बाद तीसरी अर्जी दाखिल की गई। चार्जशीट की वैधता की चुनौती याचिका को छिपाकर राहत पाने की कोशिश की। कोर्ट ने ऐसे प्रयास को निंदनीय करार दिया है।

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Allahabad HC: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव अवमानना के दोषी करार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव नरेंद्र कुमार शुक्ल को जानबूझकर कर अदालत की अवमानना करने का दोषी करार दिया है। कुलसचिव के खिलाफ अवमानना का आरोप निर्मित कर उनसे 31 मार्च तक सफाई मांगी है।याचिका पर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने हरेंद्र प्रताप सिंह व 30 अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है।

आयोग ने वेतन मद से 6 करोड़ की कटौती की

विश्वविद्यालय ने दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के तहत पत्राचार पाठ्यक्रम शुरू किया। वर्ष 2016-17 के बजट से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने वेतन मद से 6 करोड़ की कटौती कर ली। जिसके कारण अध्यापकों व स्टाफ की सेवाएं रोक दी गईं। उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने विश्वविद्यालय के जवाब के बाद याचियों को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया। यह आदेश रेखा सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में दिया गया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी है।
कोर्ट ने भारत सरकार से जानकारी मांगी, लेकिन कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया, तभी से अपील लंबित है।
कोर्ट ने कुलसचिव को अनुपालन रिपोर्ट के साथ तलब किया था। हलफनामा दाखिल कर कुलसचिव ने फंड की कमी के चलते आदेश पालन करने में असमर्थता जताई। कहा अवमानना याचिका की सुनवाई विशेष अपील के आदेश तक स्थगित रखी जाए।

कोर्ट ने यह मांग यह कहते हुए मानने से इंकार कर दिया कि विश्वविद्यालय ने याचिका की सुनवाई कर रही पीठ के समय यह बात नहीं कही कि उसे वेतन मद में अनुदान नहीं मिल रहा। सेल्फ फाइनेंस स्कीम से वेतन भुगतान किया जा रहा है। केवल यह कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने वेतन मद से कटौती कर ली है। ग्रांट नहीं मिलने के आधार पर वेतन भुगतान करने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कुलसचिव को अवमानना का दोषी करार देते हुए सफाई मांगी है कि क्यों न जानबूझकर आदेश की अवहेलना के आरोप मे कार्यवाही की जाए ?

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Jaunpur SDM Office

Allahabad HC: एसडीएम शाहगंज नितिन कुमार तलब, आदेश की अवहेलना करने पर मांगी सफाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर, शाहगंज के एसडीएम नितिन कुमार को 24 मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश की अवहेलना करने पर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही तय की जाए ?

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने मेवालाल यादव की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने 14 फरवरी 22 को आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने 4 हफ्ते का समय दिया था, हलफनामा दाखिल न कर सरकारी वकील के मार्फत जानकारी उपलब्ध कराई गई। आदेश का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से एसडीएम को आदेश तामील कराने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 24 मार्च को 2 बजे होगी।

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