“24 घंटे में हो सिख युवकों की रिहाई”, अकाल तख्त के जत्थेदार की पंजाब सरकार को चेतावनी

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Akal Takht Ultimatum
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Akal Takht Ultimatum: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने अपने सभी युवकों को रिहा करने के लिए पंजाब सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने पंजाब सरकार से कहा है कि 24 घंटे के अंदर उनके सभी साथियों को रिहा कर दिया जाए जिन्हें पंजाब पुलिस ने हिरासत में लिया है।

Akal Takht Ultimatum
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इस अल्टीमेटम के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बताया कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक को सभी लोगों को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं। जो किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले एक सीएम मान ने कहा था कि राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

अकाल तख्त ने अलगाववादी उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई को लेकर भगवंत मान सरकार और केंद्र के खिलाफ कड़ा बयान जारी किया है। जिसमें सवाल किया गया है कि “हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों” के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।

Akal Takht Ultimatum: सीएम मान सिंह ने कही ये बात

Akal Takht Ultimatum: मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि उन्होंने राज्य पुलिस से कहा है कि एहतियाती हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए, अगर वे किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं पाए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंजाब पुलिस ने कहा है कि उसने हिरासत में लिए गए 353 लोगों में से 197 को रिहा कर दिया है।

Akal Takht Ultimatum: अकाल तख्त के चत्थेदार की चेतावनी

अकाल तख्त के जत्थेदार ने किसी भी हिंसक विरोध के खिलाफ आगाह किया है और कहा है कि अगर गिरफ्तार युवकों को रिहा नहीं किया गया, तो “हमें आक्रामक नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें कूटनीतिक रूप से जवाब देना चाहिए”। उन्होंने कहा कि वे पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अलगाववादी उपदेशक के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सिख युवकों को रिहा करने के लिए राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया। यह बात उन्होंने सिख संगठनों द्वारा आयोजित सभा में कही है जिसमें बुद्धिजीवियों, वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेता शामिल थे।

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