साल 2022 में पांच राज्यों में चुनाव होने वाला है। साथ ही दूर ही सही लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने वाला है। ऐसे में विपक्षी दल बीजेपी सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनावों पर रणनीति बनाई जा रही है।

इस कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल के घर बड़े विपक्षी दलों का जमावड़ा दिखा। यहां पर कांग्रेस के इकलौते चिराग राहुल गांधी को छोड़कर अन्य विपक्षी दलों ने शिरकत की।

सोमवार की रात को कपिल सिब्बल के घर आयोजित डिनर पार्टी में 15 दलों के करीब 45 नेता और सांसद जुटे और सभी नेताओं ने सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के साथ-साथ एक मजबूत मोर्चा बनाने पर भी चर्चा की।

खास बात यह है कि कांग्रेस पार्टी के करता धरता यानी की राहुल गांधी इस बड़ी बैठक में नहीं शामिल हुए। बता दें कि सिब्बल सोनिया गांधी को व्यापक सुधारों के लिए लिखे गए पत्र के पीछे प्रमुख प्रस्तावक थे और उन्हें उन नेताओं में से एक भी देखा जाता है जिनके राहुल गांधी के कामकाज से गंभीर मतभेद हैं। शायद यही वजह है कि राहुल गांधी सिब्बल की पार्टी में शामिल नहीं हुए।

वहीं इस मुद्दे पर होने वाले कांग्रेस नेताओं ने किसी भी अटकलों को खारिज कर दिया कि यह पार्टी के आंतरिक कामकाज से संबंधित था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे 2024 के चुनावों से पहले मजबूत विपक्षी एकता चाहते हैं।

बता दें कि, कुछ समय पहले कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर 23 असंतुष्ट नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। उस पर बवाल अभी तक थमा नहीं है। कांग्रेस के सक्रिय नेतृत्व और बदलाव को लेकर पत्र लीक होने के बाद सोनिया गांधी ने असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात की थी और आंतरिक चुनाव को लेकर वादा किया था।

सोनिया के वादे को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि, पत्र की दिशा में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ खुली बातचीत कर आंतरिक चुनाव कराने का वादा किया था, मगर अब तक इस मसले पर कोई जवाब नहीं आया है और न ही यह स्पष्ट हो पाया है कि ये चुनाव कब और कैसे कराए जाएंगे।

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इस बैठक को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि विपक्षी की एकता को बनाए रखने के लिए देश में इतरह की बैठकों का होना बैहद जरूरी है। इससे पार्टी मजबूत बनेगी। साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिब्बल की शुरुआती टिप्पणी के बाद सभी नेताओं ने कहा कि उन्हें 2022 में उत्तर प्रदेश में और फिर 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना होगा।

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