प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर खुली परिचर्चा की अध्यक्षता के दौरान आतंकवाद और समुद्री अपराध पर चिंता जताई।

पीएम मोदी ने सोमवार को समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने समुद्री व्यापार और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान समेत पांच सिद्धांत पेश किए। इन सिद्धांतों के आधार पर समुद्री सुरक्षा सहयोग के लिए वैश्विक स्तर प्रारूप तैयार किया जा सकता है।

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नरेंद्र मोदी बने खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर खुली परिचर्चा की अध्यक्षता के दौरान आतंकवाद और समुद्री अपराध के लिए समुद्री मार्ग का दुरुपयोग किए जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए चिंता जताई। उन्होंने जोर दिया कि महासागर दुनिया को साझेदारी में मिला विरासत हैं और समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवनरेखा हैं।


पीएम ने संरा सुरक्षा परिषद की परिचर्चा की अध्यक्षता में 5 सिद्धांतों पर दिए जोर
समुद्र विरासत साझा करने वाले देशों के समक्ष चुनौतियों को बताते हुए पीएम ने पांच सिद्धांत पेश किए। मोदी ने पहले सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें वैध समुद्री व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करना चाहिए। वैश्विक समृद्धि समुद्री व्यापार के सहज संचालन पर निर्भर करती है। समुद्री व्यापार के समक्ष कोई भी बाधा वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हो सकती है। दूसरे सिद्धांत को लेकर उन्होंने कहा कि समुद्री विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर किया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि यह पारस्परिक विश्वास और भरोसे के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह केवल इकलौता रास्ता है जिसके जरिए हम वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं। तीसरे सिद्धांत के बारे में मोदी ने कहा कि वैश्विक समुदाय को प्राकृतिक आपदाओं और आतंकियों की ओर से उत्पन्न समुद्री खतरों का एक साथ मिलकर सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। समुद्री पर्यावरण और संसाधनों का संरक्षण और समुद्री संपर्क को प्रोत्साहित करना, प्रधानमंत्री की ओर से सुझाए गए चौथे और पांचवें सिद्धांत रहे।
यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर पूर्व में चर्चा कर कई प्रस्ताव पारित किए हैं। हालांकि, यह पहली बार था जब उच्च स्तरीय खुली बहस में एक विशेष एजेंडे के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की गई।

पांच सिद्धांत
1- वैध समुद्री व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करना
2- समुद्री विवादों का निपटारा अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर हो
3 – प्राकृतिक आपदाओं व आतंकियों की ओर उत्पन्न खतरों का मुकाबला वैश्विक समुदाय मिलकर करे
4 – समुद्री पर्यावरण एवं संसाधनों का संरक्षण किया जाए
5 – समुद्री संपर्क को और प्रोत्साहित किया जाए

संरा के भीतर विशेष ढांचे की जरूरत : पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक विशेष ढांचा स्थापित करने का आह्वान किया जो विभिन्न क्षेत्रों में समुद्री अपराधों से लड़ने के मुद्दे से सीधे तौर पर निपटेगा। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा पर वर्चुअल चर्चा में पुतिन ने रेखांकित किया कि कुछ देशों के क्राइम सिंडीकेट, समुद्री डाकू और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ न पाने के कारण समुद्री डकैतियों और बंधक बनाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। पुतिन ने कहा कि रूस संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रमुख मानदंडों और सिद्धांतों का सख्ती से पालन करने का पक्षधर है। निस्संदेह, हमारा लक्ष्य फारस की खाड़ी के क्षेत्र और अटलांटिक महासागर में गिनी की खाड़ी में सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करना है, जहां समुद्री डकैतियों और बंधक बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं।

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