World Happiness Day: भागमभाग भरी जिंदगी में Positive Attitude,Fitness और बेहतर कर्म के साथ रह सकते हैं, खुश

जो लोग खुश होते हैं, उनके दिल में भगवान बसता है, खुशी रेत के एक जर्रे में भी पाई जा सकती है क्योंकि रेत का एक जर्रा (कण) सृष्टि का कण है।

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World Happiness Day
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World Happiness Day: जो लोग खुश होते हैं, उनके दिल में भगवान बसता है, खुशी रेत के एक जर्रे में भी पाई जा सकती है क्योंकि रेत का एक जर्रा (कण) सृष्टि का कण है। ब्रह्मांड को उसने बनाने में अरबों-खरबों साल लगे हैं। हर किसी के लिए इस धरती पर एक खजाना है, जो उसका इंतजार कर रहा है। खुशी से बढ़कर इस धरती पर कोई खजाना नहीं है। आज हम वर्ल्‍ड हैपीनेस डे मना रहे हैं। क्या इसे एक दिन ही मनाना चाहिए? चलिए कम से कम आज तो हम खुशी मना ही लेते हैं, तो बाकी दिन क्या हम उदास और दुखी रहें? लेकिन हकीकत यही है कि अधिकतर लोग खुश नहीं हैं। आखिर कैसे हम जीवन में खुश रहें, क्योंकि खुशी साल में एक दिन नहीं बल्कि रोजाना और हमेशा हमें चाहिए। मसलन कुछ बिंदुओं को अपनाकर हम इस दौड़ भाग भरी जिंदगी में खुद को खुशी के पल दे सकते हैं।

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World Happiness Day: पहला सुख निरोगी काया

कहते हैं, कि अगर आप स्वस्थ हैं तो आप खुश हैं। इसलिए प्रयास कीजिए कि आप स्वस्थ रहें। इसके लिए आप व्यायाम करिये। वह खाइए जो शरीर के लिए लाभदायक हो न कि नुकसान पहुंचाने वाला हो। आज आज स्वस्थ होंगे तो अपने काम भी बेहतर तरीके से कर पाएंगे। बनाएं खुशी का पैटर्न:- मशहूर लेखक एंड्र्यू मैथ्यूज अपनी किताब खुशी का खजाना में लिखते हैं, कि इंसान अपनी जिंदगी को वर्तमान में ही जीकर सुधार सकता है, क्योंकि वर्तमान ही हमें कर्म करने का अवसर प्रदान करता है।

हम अपने अतीत और भविष्य के बारे में सोच जरूर सकते हैं। मशहूर लाइफकोच अशोक कुशवाहा का कहना है,कि कर्म हम सिर्फ वर्तमान में ही कर सकते हैं और जिंदगी कर्म से बनती या बिगड़ी है, इसलिए वर्तमान हमेशा अतीत और भविष्य से बड़ा होता है। वर्तमान में खुश रहने की आदत डालें। अधिकतर लोग खुश रहने को भविष्य पर टालते रहे हैं। हम भविष्य में जी भर कर जीना चाहते हैं और वर्तमान में दुखी रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं। चूंकि वर्तमान में दुखी रहने का हम आदी हो जाते हैं, इसलिए जब भविष्य अंतत: वर्तमान बनता है, हम तब भी दुखी रहते हैं। हम आजीवन दुखी रहते हैं क्योंकि हमारी निगाह हमेशा भविष्य पर रहती है, वर्तमान पर नहीं, इसलिए वर्तमान में खुश रहना सीखें

माफ करना सीखें

मनुष्य एक समाजिक प्राणी है समाज में रहता है। उससे अकसर गलतियां होती रहती हैं। कई बार लोग हमें दुखी भी करते हैं और हम उनकी बातों को दिल से लगाकर चिपके रहते हैं। उन्‍हें कोसते रहते हैं और हम अंदर ही अंदर कुढ़ते रहते हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके हमें उनको माफ कर देना चाहिए। जब आप किसी को दिल से माफ करते हैं तो अपने मन से हजारों टन का भार से मुक्त पाते हैं। दूसरों को क्षमा करके हम अपने चरित्र को उदार बनाते हैं और अपने व्यक्तित्व में निखार ला पाते हैं। हम यह दिखा पाते हैं कि हम प्रकृति के नियम का सम्मान करते हैं क्योंकि गलती करना और उनसे सीखना इंसान की प्रकृति के अनुरूप है।

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किसी की मदद कर दिल को दें, सुकून

हमारी जिंदगी बिना किसी मदद के चल ही नहीं सकती है। वह मदद चाहें प्रकृति कर रही हो या कोई मनुष्य। यह मदद करना प्रकृति के नियम पर चलना यह दर्शाता है कि हम प्रकृति का सम्मान करते हैं। मशहूर लाइफकोच अशोक कुशवाहा का कहना है,कि आप किसी की सच्चे मन से मदद करिए फिर देखिएगा आपको जितनी खुशी मिलगी उतनी किसी में भी नहीं मिलेगी। और ऐसा नहीं है कि मदद पैसे से ही होती है। आप बिना पैसे के भी चैरिटी कर सकते हैं। आप मुस्कराइए। आपकी मुस्कान किसी दूसरे के दुखी चेहरे पर मुश्कान ला सकती है। बच्चे जब अकारण हंसते हैं तो हमें यह सीख देते हैं हंसने के लिए किसी महत्वपूर्ण कारण की आवश्यकता नहीं बल्कि बेहतर मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हंसना जरूरी है।
पिछले वर्षों में ऐसे अनके शोध कार्य हुए हैं जो हमें यह बताते हैं कि हंसी-मजाक का हमारे मनोविज्ञान पर बड़ा ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हम चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर पाते हैं,बेहतर सोच पाते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के साथ समय बिताए जो हंसी-मजाक करते हैं। देखिएगा आप भी धीरे-धीरे खुश रहना सीख जाएंगे।

दूसरे के प्रति कृतज्ञ रहना सीखें
आज हम जहां भी हैं या आगे जहां भी जाएंगे वह बिना किसी की मदद के संभव नहीं होगा। अकेला इंसान कुछ नहीं कर सकता है। इसलिए दूसरों के प्रति कृतज्ञ रहें। और जब हम कृतज्ञ रहते है तो जो चीजें हमारे पास हैं उनमें इजाफा ही होता है। अगर आपको किसी ने खुशी दी है तो उसके प्रति कृतज्ञ रहिए आपकी खुशी दोगुनी हो जाएगी।

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