उज्जैन: महाकाल की नगरी में रात बिताकर CM मोहन यादव ने तोड़ा रहस्यमयी मिथक, जानिए पूरा मामला…

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उज्जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन को लेकर लंबे वक्त से एक मिथक रहा है कि यहां मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री रात नहीं बिताते हैं। महाकाल को उज्जैन का राजाधिराजा माना जाता है। इस शहर के बारे में ये मिथक है कि यहां महाकाल के अलावा दूसरा कोई ‘राजा’ नहीं रुक सकता है। ऐसा मिथक है कि अगर कोई दूसरा राजा उज्जैन में रात में विश्राम करता है तो उसकी मौत हो जाती है। महाकाल के अलावा केवल विक्रमादित्य ही ऐसे राजा थे जो उज्जैन में रात विश्राम किए हैं। इसके अलावा किसी राजा ने यहां रात नहीं बताई है। 

अब हाल ही में शनिवार की रात राज्य के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन में रात बिताकर इस मिथक को तोड़कर सबको चौंकाने का काम किया है। बता दें, मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद वे शनिवार को यहां पहुंचे। इतना ही नहीं उन्होंने यहां रात भी बिताई। ऐसे में मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य का कोई सीएम उज्जैन में रुका हो।

CM मोहन यादव ने तोड़ा मिथक

सीएम मोहन यादव ने उज्जैन में एक जनसभा में कहा कि रात न बिताने के मिथक को तत्कालीन राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाया था। राजा महादजी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे। वे 1812 में राजधानी ले भी गए, मगर धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था।

सीएम ने आगे कहा कि अब हम भी कहते हैं कि राजा रात में नहीं रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि अरे राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सब तो उनके बेटे हैं। क्यों रात में नहीं रहेंगे। ब्रह्मांड में कोई बच नहीं सकता, अगर बाबा महाकाल ने टेढ़ी निगाह कर दी तो। मुझे पीएम मोदी ने कहा कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी, आप तो उज्जैन संभालो। मैं मुख्यमंत्री नहीं मुख्य सेवक हूं यहां पर।

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