MCD Elections 2022: बेहद निर्णायक होगी दिल्‍ली देहात के वोटर्स की पसंद

MCD Elections 2022: दिल्‍ली के पूर्वी, पश्चिमी, बाहरी और दक्षिणी दिल्‍ली के करीब 360 से अधिक गांवों में करीब 20 लाख से अधिक की आबादी रहती है।इसके साथ ही यहां खाप पंचायतों की भूमिका भी बेहद अहम होती है।

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MCD Elections 2022: top hindi news
MCD Elections 2022

MCD Elections 2022: एमसीडी इलेक्‍शंस 2022 में इस बार दिल्‍ली देहात के वोटर्स की भूमिका बेहद निर्णायक रहने वाली है। दिल्‍ली के पूर्वी, पश्चिमी, बाहरी और दक्षिणी दिल्‍ली के करीब 360 से अधिक गांवों में करीब 20 लाख से अधिक की आबादी रहती है।इसके साथ ही यहां खाप पंचायतों की भूमिका भी बेहद अहम होती है। यही वजह है कि यहां से जो भी नेता, पार्षद या एमएलए निकलता है। उसे बनाने में यहां के लोगों की भागीदारी अहम हो जाती है।यहां राजनीतिक दलों की नजर बनी हुई है। यही वजह है कि दिल्‍ली देहात के वोटर्स को रिझाने में राजनीतिक दल कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।पार्टी के स्‍टार प्रचारकों को यहां उतारा गया है।

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Delhi Dehat.

MCD Elections 2022: सीवर और पानी की पाइपलाइन की व्‍यवस्‍था नहीं

MCD Elections 2022:दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों में ज्‍यादातर गांव ऐसे हैं जहां आज भी सीवर और पानी की लाइन नहीं है। इन गांवों में थोड़ी सी बारिश से जलभराव हो जाता है।पीने के पानी के लिए आज भी लोग बोर या टैंकर पर निर्भर हैं।

म्‍यूटेशन का नहीं होना- दिल्‍ली देहात के गांवों में मुख्‍य मुद्दा म्‍यूटेशन का नहीं होना है।दरअसल म्‍यूटेशन बंद होने के कारण संपत्तियों का हस्‍तांतरण नहीं हो पा रहा है।जिससे कोरोना काल में हुई सैकड़ों मृत्‍यु के बाद लोग अपनी ही संपत्ति को अपने नाम नहीं करवा पा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विभिन्‍न ग्रामीण समितियां, पंचायतें और अन्‍य समूह गुहार लगाकर थक चुके हैं, लेकिन समस्‍या जस की तस है।

पड़ोसी राज्‍यों से खरीदारी नहीं-किसानों की बड़ी समस्‍या खेती से जुड़े उपकरणों की भी है।किसानों को आज भी ट्रैक्टर खरीदने के लिए हरियाणा या उत्‍तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्‍यों का रूख करना पड़ता है।दिल्‍ली में ट्रैक्टर जैसे खेती के कई उपकरणों को व्‍यावसायिक श्रेणी में पंजीकृत करवाना होता है।जिसके चलते किसानों को सामान काफी महंगी दरों पर मिलता है।

ट्रांसपोर्ट की कमी-बेशक सरकार बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के दावे करे,लेकिन दिल्‍ली देहात के क्षेत्रों में ट्रांसपोर्ट व्‍यवस्‍था का बुरा हाल है। डीटीसी बसों की कमी कमी और कम रूट होने पर लोग पूरी तरह से निजी परिवहन व्‍यवस्‍था पर निर्भर हैं।ऐसे में आवाजाही करने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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