Yami Gautam ने Insta पोस्ट में शेयर की अपनी Skin की बीमारी, जानिए क्या है Keratosis-Pilaris

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Happy Birthday Yami Gautam
Happy Birthday Yami Gautam

अभिनेत्री यामी गौतम (Yami Gautam) ने इंस्टाग्राम पोस्ट में अपनी बीमारी का खुलासा किया है, वह केराटोसिस-पिलारिस (Keratosis-Pilaris) नाम की त्वचा की बीमारी (Skin Disease) से ग्रस्त हैं। उन्होंने इसकी फोटो भी इंस्टा पर डाली है। यामी ने अपने पोस्ट में लिखा है, वर्षों से अपनी त्वचा की समस्या को झेलने के बाद अब मैंने अपनी कमियों को स्वीकार करने का फैसला लिया है।

यामी ने लिखा है कि यह समस्या उन्हें किशोरावस्था (Adolescence) से दिनों से है, “जिन लोगों ने इसके बारे में नहीं सुना है, उन्हें यह पता होगा कि इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं, लेकिन इस तरह की सभी समस्या एक सी नहीं होती। मुझे किशोरावस्था के समय से समस्या होने लगी थी और इसका कोई इलाज नहीं है। यामी गौतम ने लिखा कि वह अपनी असुरक्षाओं का सामना करने के लिए तैयार हैं। कई वर्षों तक इसे झेला है और अब मैंने अपने डर और असुरक्षाओं को दूर करने का फैसला किया है। खामियों को तहे दिल से स्वीकार किया और आपके साथ शेयर किया है।

यामी गौतम अंत में लिखा, “मुझे अपनी कमियों को अब छुपाने का मन नहीं करता, और फिर भी मैं सुंदर महसूस करती हूं। बता दें कि यामी गौतम को फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

क्या है केराटोसिस-पिलारिस

इसे चिकन स्किन भी कहा जाता है। इसमें स्किन पर छोटे छोटे बम्प्स दिखने लगते है, जो पिंपल्स की तरह दिखते हैं, ये डेड स्किन सेल्स होते है, जिसमें हेयर फॉलिकल होते है। यह छोटे बम्प्स लाल या ब्राउन रंग के दिखते है। सर्दीयों के मौसम में स्किन ड्राई होने पर समस्या और बढ़ जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान भी ये समस्या होती है। इसका इलाज नहीं है, लेकिन इसे और ज्यादा खराब होने से कुछ हद तक रोका जा सकता है। कई बार यह 30 साल की आयु तक ठीक हो जाती है।

किसे होती है ये समस्या

जिन लोगों को एक्जिमा, हाई फीवर, मोटापा हो या महिलाएं, बच्चे या किशोरों या ड्राई स्कीन वाले लोगों को ये समस्या ज्यादा होती है। हार्मोनल बदलाव के कारण या किशोरवस्था में कई लोगों को ये बीमारी होती है, वहीं केराटोसिस पिलारिस साफ त्वचा के रंग वाले लोगों में भी कई बार यह बीमारी हो जाती है।

क्या है इलाज

इसका कोई इलाज नहीं है, ये उम्र के साथ अपने आप ठीक हो जाते है। इसके  इलाज में समय लगता है। इसके लिए कुछ खास तरह की क्रीम आती है, जो डेड स्किन सेल्स को हटा सकती है। मॉइचराइजर ट्रीटमेंट में यूरिया और लैक्टिक एसिड होते हैं, जो डेड स्किन सेल्स को हटा सकते हैं और स्कीन को सॉफ्ट करते हैं। इसके अलावा, केमिकल पील्स,  माइक्रोडर्माब्रेशन और  रेटिनॉल क्रीम भी प्रभावी है।

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