Breast Cancer Risk Factors: जीवनशैली में इन बदलावों के साथ कम करें स्तन कैंसर का जोखिम!

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Breast Cancer Risk Factors: ब्रेस्ट कैंसर का नाम सुनते ही महिलाओं के अंदर एक डर सा पैदा हो जाता है। प‍िछले काफी वक्‍त से स्‍तन कैंसर के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। भारत में हर आठ में से एक महिला स्‍तन कैंसर का शिकार होती है। आज कल की महिलाओं की जिंदगी इतनी उलझी रहती है कि उन्‍हें अपने ल‍िए वक्‍त ही नहीं मिल पाता। इन सब के बीच वह अपनी सेहत पर ध्‍यान नहीं दे पाती है।

Breast Cancer Risk Factors: ब्रेस्ट कैंसर वैसे तो पुरुष या स्‍त्री किसी भी जेंडर को हो सकता है लेकिन ये बीमारी ज्यादातर महिलाओं को होती है। इस बीमारी में स्तन की कोशिकाओं में कैंसर होने लगता है। यद‍ि हम किसी बीमारी से बचने के ल‍िए पहले से ही सतर्कता बरतें तो इससे हम अपने साथ-साथ दूसरों की परेशानी को भी दूर कर सकते हैं। हमारे जीवनकाल के दौरान कई ऐसे कारक होते हैं, जो स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके ल‍िए हमें इसके प्रति और ज्‍यादा एक्टिव रहने की ज़रूरत है।

हम अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर इसके खतरे को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि कौन सी बुरी आदतों के कारण ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ता है:

Breast Cancer Risk Factors:

स्मोकिंग करना और शराब पीना

महिलाओं को सिगरेट, हुक्का, बीड़ी और शराब इस तरह के नशे से दूर रहना चाहिए क्योंकि आपकी ये आदत ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ावा दे सकती है। जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं और ज्यादा स्मोकिंग करते है उनके शरीर में स्तन कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है। बेहतर होगा आप इन आदतों से पूरी तरह दूरी बना कर रखें।

अनहेल्दी डाइट

ज्यादा बाहर का खाना भी ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी को बढ़ावा देता है इसलिए अपनी डेली डाइट में ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।

मोटापा और फिजिकल एक्टविटीज की कमी

बहुत ज्यादा वजन होना भी ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को काफी हद तक बढ़ा सकता है। अगर आप दिन के कुछ वर्कआउट या एक्सरसाइज में नहीं बिताते हैं तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

गर्भनिरोधक गोली खाना

चाइल्ड बर्थ को कंट्रोल करने के लिए जो महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स खाती हैं उनको ब्रेस्टकैंसर का खतरा थोड़ा ज्यादा बढ़ जाता है। जितना हो सकता है इस तरह की पिल्स से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

चाइल्ड बर्थ में देरी ( Child Birth)

आमतौर पर उन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है जो 30 की उम्र के बाद मां बनती हैं।

ब्रेस्टफीडिंग न कराना

यह बात हम सभी अच्छे से जानते हैं कि मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम होता है। लेकिन क्या आप यह जानते हो कि ब्रेस्टफीडिंग मां के लिए भी उतना ही फायदेमंद है जितना कि बच्चे के लिए होता है। जो महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करातीं है उनको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

सतर्कता ही बचाव है

स्तनों के आकार, रंग आदि में किसी भी प्रकार का बदलाव, किसी तरह की गांठ, दर्द, सूजन, निप्पल से स्तनपान काल के अतिरिक्त कोई स्राव निकलना, स्तन के ऊपर की त्वचा में कोई परिवर्तन हो तो कभी नज़रअंदाज़ न करें और तुरन्त चिकित्सकीय परामर्श लें।

Disclaimer: प्रिय पाठक, यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है। हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है। आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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