Cyrus Mistry की नियुक्ति के विवाद पर Supreme Court 9 मार्च को करेगा सुनवाई , Mistry ने दायर की है पुर्नविचार याचिका

0
344
Supreme Court
Supreme Court

Supreme Court: देश के नामी उद्योगपति टाटा और साइरस मिस्‍त्री के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट में टाटा और मिस्‍त्री के बीच चल रहे विवाद पर सुनवाई हुई । इस दौरान कोर्ट ने 9 मार्च को साइरस मिस्‍त्री की ओर से दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाए जाने की बात कही।

मालूम हो कि 26 मार्च 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए टाटा समूह के फैसले को बरकार रखा था। जिसमें वर्ष 2016 में साइरस मिस्त्री (Cyrus Misrty) को टाटा के कार्यकारी अध्यक्ष और टाटा समूह के बोर्ड निदेशक से हटाने का फैसला लिया गया था। लंबी जिरह के बाद कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा। अब कोर्ट इस फैसले को लेकर दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर फिर से सुनवाई करेगी।

supreme court 22 new 2
Supreme Court

Supreme Court: जजों के बहुमत से लिया फैसला

चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने मिस्त्री समूह की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की सहमति जताई है। जजों के बहुमत से ये फैसला लिया गया। ऐसे में एक मामले में फिर से सुनवाई की स्थिति बनी है। साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। टाटा की ओर कोर्ट में दलील दी गई थी, कि मिस्त्री अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए। नतीजतन कंपनी को नुकसान पहुंचा। साइरस मिस्त्री की ओर से कंपनी के इस फैसले को चुनौती दी गई और मामला कोर्ट में पहुंच गया।

टाटा समूह के पक्ष में सुनाया था फैसला
याची साइरस इंवेस्टमेंट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 26 मार्च 2021 के फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई गई थी। जिसमें कोर्ट ने टाटा समूह के पक्ष में फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि शेयरों के विवाद को लेकर दोनों पक्ष कानूनी रास्ता अपना सकते हैं। कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए ये भी कहा था, कि साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को चेयरमैन बनाना रतन टाटा (Ratan Tata) की सबसे बड़ी गलती थी।
इस मामले में पूर्व CJI शरद अरविंद बोबड़े की बेंच ने कहा था, साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटाना सही फैसला है। कोर्ट ने मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के NCLAT के फैसले को रद्द कर दिया। 18 दिसंबर, 2019 को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल कर दिया था।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here