Supreme Court में होगी कश्‍मीरी पंडितों के नरसंहार मामले की सुनवाई, याचिका दाखिल

Supreme Court: याचिका में वर्ष 1990 में हुए नरसंहार के बाद हुए पलायन के बाद चल अचल संपत्ति चाहे धार्मिक, आवासीय, कृषि, वाणिज्यिक, संस्थागत, शैक्षिक या कोई अन्य किसी भी बिक्री को शून्य या समाप्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

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Supreme Court on Kashmiri Pandit

Supreme Court: वी द सिटीजन NGO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कश्मीर में 1990 से 2003 तक कश्मीरी पंडितों और सिखों के नरसंहार और अत्याचार की जांच के लिए SIT के गठन की मांग की है। इसके साथ ही SIT की जांच के बाद दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में वर्ष 1990 के बाद से कश्मीर से पलायन करने वाले हिंदू और सिख लोगों को पुर्नस्‍थापित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

इसके अलावा याचिका में वर्ष 1990 में हुए नरसंहार के बाद हुए पलायन के बाद चल अचल संपत्ति चाहे धार्मिक, आवासीय, कृषि, वाणिज्यिक, संस्थागत, शैक्षिक या कोई अन्य किसी भी बिक्री को शून्य या समाप्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

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Supreme Court: साक्ष्‍य नहीं होने पर खारिज की थी याचिका

मालूम हो कि इससे पूर्व 24 जुलाई 2017 दाखिल एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि घटना के 27 साल बाद साक्ष्य नहीं हैं। जो भी हुआ वह हृदय विदारक था लेकिन अब आदेश नहीं हो सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में रिव्यूपिटिशन दाखिल की गई थी जिसे 24 अक्टूबर 2017 को खारिज किया गया गया था।

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