Manipur Violence की सुप्रीम सुनवाई, SC ने पूछा लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने क्‍या कदम उठाए?

Manipur Violence: कोर्ट ने कहा सभी राहत कैंपों में खाने- दवा समेत सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं। घटाना से हुए विस्थापितों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए जाएं।

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Manipur Violence
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Manipur Violence:मणिपुर में हिंसा के मामले की सुनवाई CJI की अध्यक्षता वाली बेंच हुई।केंद्र और मणिपुर की ओर से SG ने कोर्ट को बताया कि अब वहां हालात सुधर रहे हैं। उन्होंने कहा 52 कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई गईं हैं। वहां हालात सामान्य हो जाएं फिर अदालत केस को सुन सकती।

CJI ने पूछा राहत कैंपों में कितने लोग हैं? उनके लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?विस्थापितों को वापस घर लाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है ?इसके साथ ही कोर्ट ने पूजास्थल की सुरक्षा को लेकर कहा कि पूजा स्थलों का भी संरक्षण किया जाना चाहिए।SG ने कहा रविवार से कोई हिंसा नहीं हुई है।आज 3 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील भी दी गई है।राज्य सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। केंद्र भी निगरानी कर रहा है, स्थितियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

Manipur Violence : Supreme Court hearing
Supreme Court

Manipur Violence:फ्लैग मार्च जारी

Manipur Violence
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Manipur Violence:फ्लैग मार्च किया जा रहा है, एक वरिष्ठ पूर्व पुलिस अधिकारी को सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है।एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को मणिपुर का मुख्य सचिव बनाया गया है।स्थिति पर नजर रखने के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन तैनात किए गए हैं।विस्थापितों के लिए राहत शिविर खोले गए हैं जहां राशन और चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।सुरक्षा बलों के माध्यम से फंसे हुए लोगों की आवाजाही को सुगम बनाया जा रहा है।

Manipur Violence:सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया आदेश

Manipur Violence:कोर्ट ने कहा सभी राहत कैंपों में खाने- दवा समेत सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं। घटाना से हुए विस्थापितों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए जाएं। घटना वाले इलाकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा की जाए।साथ ही जहा भी जरूरी हो आर्मी कैंप और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

इसके अलावा कोर्ट ने मणिपुर और केंद्र से अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।सुप्रीम कोर्ट 17 मई को मामले पर अगली सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट के फैसले पर कही ये बात : सुनवाई कर दौरान CJI ने हाईकोर्ट के आदेश पर भी सवाल उठाते हुए कहा हाईकोर्ट किसी समुदाय को जनजाति लिस्ट में शामिल करने का आदेश कैसे दे सकता है?सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी जाति को जनजाति में डालने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है न कि हाईकोर्ट के पास।

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