सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी विनय शर्मा और मुकेश द्वारा दायर क्यूरेटिव पिटीशन (समीक्षा याचिका) को खारिज कर दिया है। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पांच जजों वाली पीठ विनय शर्मा और मुकेश की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई की। पहले विनय शर्मा ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। इसके बाद दोषी मुकेश ने भी पिटीशन दायर की थी।

क्यूरेटिव पिटीशन में दोषी विनय शर्मा ने कहा था कि अकेले याचिकाकर्ता को दंडित नहीं किया जा रहा है, बल्कि आपराधिक कार्यवाही के कारण उसका पूरा परिवार अत्यंत पीड़ित हुआ। परिवार की कोई गलती नहीं, फिर भी उसे सामाजिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा है। वहीं, वकील एपी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता के माता-पिता वृद्ध और अत्यंत गरीब हैं। इस मामले में उनका भारी संसाधन बर्बाद हो गया और अब उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है।

बता दें कि इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था। कोर्ट ने इस मामले में चार दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने का समय तय किया है। बीते दिनों तिहाड़ जेल में डमी ट्रायल भी हुआ। दोषियों को उत्तर प्रदेश का पवन जल्लाद फांसी के फंदे पर लटकाएगा।

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